स्वागत गीत – हमारी सांस्कृतिक परंपरा है कि हम कोई भी मंचीय कार्यक्रम किसी विशिष्ट या चर्चित हस्ती की अध्यक्षता और सानिध्य में संपन्न करते हैं। कार्यक्रम को भव्यता और गरिमा प्रदान करने के लिये यह एक अपरिहार्य नियम है। इस तरह की स्थिति में आमंत्रित अतिथियों का अभिनंदन एवम सम्मान करने के लिये स्वागत
है मंच सार्थक है मंच उपकृत, श्रीमान जी जो यहाँ पधारे। हम आज गर्वित ह्रदय हैं हर्षित, अहोभाग्य हैं बड़े हमारे।। ये जन मनोहर छवि तुम्हारी, कि जैसे सूरज गगन पर चमके। यूँ मन सुकोमल जहाँ की सारी, मृदुलता वाणी से जैसे छलके। कि क्या दें परिचय बड़ा है अतिशय, नमन को आतुर नयन हमारे।।
ख़्वाहिशें और थीं हाल हैं कुछ ज़ुदा सूरतें किस्मतों की बदलती नहीं थक गये हम दुआ मांगते मांगते हाथ की कुछ लकीरें बदलती नहीं हमने सुन लीं हैं ढेरों नसीहत है गज़ब की तुम्हारी शरीयत गर्क हो जायेंगे हम तुम्हारी कसम बेरहम ये नजीरें बदलती नहीं आपको आपकी साफगोई क्या कहूँ हर दफ़ा आँख रोई
मोहब्बत का गीत – इश्क़ से तरबतर दिलों के लिये प्रस्तुत है गम और नासाज़ी से भरा आर्टिकल मोहब्बत का गीत । आशा है कि आप सबको पसंद आयेगा। मोहब्बत का गीत फिर वही ख़्वाब सपना कहानी हुई फिर वहीँ से शुरू ज़िन्दगानी हुई फिर वही बेबसी तू वहाँ मैं यहाँ मैं दीवाना हुआ तू दिवानी हुई।
अतिथि स्वागत गीत – स्वागत गीत की श्रृंखला में प्रस्तुत है अतिथि स्वागत गीत -2 यह आर्टिकल आपको कैसा लगा अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर व्यक्त करें। अतिथि स्वागत गीत धन-धन हमारे भाग हैं, श्रीमन हमारे साथ हैं हम नमन अभिनंदन करें, तव जोड़कर द्वय हाथ हैं। अनुगृहित है मन मुदित है, श्री मन पधारे जो यहाँ
कोई तो सपना टूट गया है कोई तो अपना छूट गया है हम ख़ुद से हो गए बेगाने हमसे हमारा रूठ गया है कैसी मुरादों वाली ये बोली कैसी है वादों वाली बोली शहद में लिपटी ज़हर की गोली देकर कोई लूट गया है किसको दूँ तोहमत किसको दुहाई हमको मुहब्बत रास ना आयी फुरकत
तू कहे तो गुल बनूँ मैं पंखुड़ी सा बिखर जाऊं तू कहे तो खुश्बुओं सा हवाओं में उतर जाऊं आसमां का एक टुकड़ा बनके तेरा नूर ले लूँ तू कहे तो चाँद बनकर गेसुओं मेँ नज़र आऊं अवश्य पढ़ें: ग़ज़ल ‘बेशरम’ अवश्य पढ़ें: Love song तू नज़रबंदी लगा ले धड़कनों के जमघटों पर चाँद
माँ सरस्वती वंदना मेरी मैया शारदे माँ मुझे अपना बना लेना तू ममता का समंदर है मुझे कतरा बना लेना। सुरीली मुग्ध सरिताएं मेरे उर में बहा दे माँ ह्रदय में बाँसुरी की धुन ज़रा संगीत भर दे माँ मैं बन जाऊँ मधुर मिश्री मुझे सुर पांचवां देना। ये भी पढ़ें: श्री गणेश
गीत हर राग रंग हर अंतरंग, हर कण में तुम्ही तृण तृण में तुम्हीं हर गाँव-गाँव हो धूप-छांव, हो रात-रात के चाँद तुम्हीं झरने की कल-कल मधुर ध्वनी, पहली-पहली बारिश की नमीं तुम उगते सूरज की लाली, और भौंरे का गुंजन हो तुम्हीं बेला गुलाब की गंध तुम्हीं, तुमहीं हरी घास पै ओस के
गीत तेरी मेहरबानी किसके लिये तेरी कदरदानी किसके लिये कोई तो होगा मीत तेरा शाम सुहानी किसके लिये बात नहीं कुछ आस नहीं कुछ खोने को अब पास नहीं कुछ यूँ ही परेशां रहता हूँ मैं तो तुझसे मुहब्बत ख़ास नहीं कुछ प्रेम कहानी किसके लिये ये मनमानी किसके लिये कोई