26 जनवरी एंकरिंग स्क्रिप्ट 2019 – गणतंत्र दिवस पर मंच संचालन, 26 January Manch sanchalan script in hindi
चमन वालो चमन की ख़ैर मांगो ख़ैर है इसमें
ना होगा जब चमन तो आशियाँ अपना कहाँ होगा।
- शायर हरिश्चन्द ज़िया बरेली
(प्रस्तुति का समापन)
एंकर फीमेल – ज़ोरदार तालियाँ। वाह वाह। क्या प्रस्तुति थी। लेकिन क्षमा करना जिस प्रकार की प्रस्तुति थी उस प्रकार की तालियाँ नहीं हैं। मैं आपसे पँक्तिमय निवेदन करती हूँ कि..
मर मिटे जो देश पर, उन शहीदों की जवानी लिख दो
स्वांस स्वांस में सरफ़रोशी की, इक नई कहानी लिख दो
हमारा वादा है इस जश्न को, बेहद खूबसुरत बनाने का
बस आप हर प्रस्तुति पर, तालियों की रवानी लिख दो।
जोरदार तालियां होनी चाहिए। ये हुई न बात। बहुत बहुत धन्यवाद
एंकर मेल – सारा आलम देशभक्ति के ज़ज़्बे से ओतप्रोत हो गया है। मातृभूमि की मिट्टी की खुश्बू हमारी नसों में समाहित हो गई है। ऐसे में यदि हमें कोई मार्गदर्शन मिल जाये तो हम अपनी वतनपरस्ती को सार्थक दिशा दे सकते हैं। मैं आज के चीफ़ गेस्ट माननीय श्रीमन ………. जी से अनुरोध करूँगा कि वो हमें एक संक्षिप्त उद्बोधन देकर हमारा मार्ग प्रशस्त करें। तालियों की करतल ध्वनि से उनको आमंत्रित करने में सहायता करें।
(उद्बोधन समाप्त)
जोरदार करतल ध्वनि। अद्भुत और अनुपम। इतना ओजस्वी उद्बोधन था कि हम सब मंत्रमुग्ध हो गये थे। कुछ पंक्तियों से आपको नमन निवेदित करता हूँ कि ..
ज्यों मरुस्थल में, रंगीन गुल खिल गये
ज्यों समंदर में भटकों को, तट मिल गये
हमको सानिध्य ऐसा, लगा आपका
जैसे शबरी को उसके, प्रभु मिल गये।
एंकर फीमेल – अद्भूत। आइये ले चलते हैं अगले क्रम की ओर। हमारी अगली प्रस्तुति साम्प्रदायिक एकता के विषय पर है। आज हमारे देश में केवल सियासी फ़ायदे के लिये मज़हबी ज़हर फैलाया जाता है। इसी विषय को लेकर खूबसूरत संदेश देती प्रस्तुति लेकर आ रहे हैं प्रतिभागी 1 ………., 2 ……….. , 3 …….. , 4 ……….. मैं उन्हें मंच पर उनकी प्रस्तुति के लिए किसी शायर की इन पंक्तियों के साथ आमंत्रित करता हूँ कि….
हवेली झोपड़ी सबका मुक़द्दर फूट जायेगा
अगर हाथों से दामन-ए-शराफ़त छूट जायेगा
खुदा आये पाक का घर हो या हो श्रीराम का मंदिर
इमारत कोई भी टूटी तो भारत टूट जायेगा।
(प्रस्तुति का समापन)
एंकर मेल – बहुत ही प्रभावी और संवेदनशील प्रस्तुति। जोरदार तालियां बनती हैं इस शानदार परफॉर्मेंस के लिए। चलिये ले चलते हैं आपको आज की अंतिम प्रस्तुति की ओर। दोस्तों, वतनपरस्ती केवल देश पर जान देने को ही नहीं कहा जाता है। वतनपरस्ती अपने वतन की संस्कृति, सभ्यता, मान्यता, सामाजिक मर्यादायें और मानवीय मूल्यों का भी सम्मान करने से होती है। बड़े ही दुःख और लज्जा के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारे देश में छोटी-छोटी बच्चियों के साथ हवस का गंदा खेल खेला जा रहा है। दुराचार की त्रासद घटनायें अत्यधिक मात्रा में सामने आ रहीं हैं जो कि मन को द्रवित कर देतीं हैं। मैं इस प्रस्तुति के प्रतिभागियों 1 ………., 2 ……….. , 3 …….. , 4 ……….., 5 ………., 6………, को मंच पर उनकी प्रस्तुति के लिए इन पंक्तियों के साथ आमंत्रित करता हूँ कि …
Bahut khoob sir thankyou very muchh sir
बहुत बहुत धन्यवाद आभार आपका।
अति सुंदर
Kya bat hai,bhut hi badhiya
Sir muje aap ki ankaring achi lagti he me hame sha aap ki nakal kar ta hu
I like u sir
Ati uttam, Sriman se agrah kripya saraswati Puja ke awasar par ayojit sangeet karyakram ka manch sanchalan hetu marg prashant kare.
श्रीमानजी बहुत बहुत आभार
बहुत ही बेहतरीन और शानदार, आप is Rachna se हमें काफी कुछ सीखने को मिलता है। धन्यवाद महाशय मैं आपका आभारी रहूंगा
Very nice
Amit ji, specially your shayaries are awesome
अमित जी अतिसुन्दर।आपसे बहुत कुछ सीखने लायक है।हार्दिक बधाई।
सर बहुत दिनों से आपने गणतंत्र दिवस के लिए नई मंच संचालन स्क्रिप्ट पोस्ट नहीं की।कृपया मंच संचालन स्क्रिप्ट पोस्ट करिए प्लीज।