26 जनवरी एंकरिंग स्क्रिप्ट 2019 – गणतंत्र दिवस पर मंच संचालन, 26 January Manch sanchalan script in hindi

26 जनवरी एंकरिंग स्क्रिप्ट 2019 – उड़ती बात के सभी प्रशंसकों को सादर जय हिंद। सदा की तरह पुनः आप अभी के आग्रह पर प्रस्तुत है 26 जनवरी एंकरिंग स्क्रिप्ट 2019 , आप सभी ने उड़ती बात पर प्रकाशित मंच संचालन स्क्रिप्ट को दिल से सराहा है। चाहे वो 15 अगस्त पर मंच संचालन स्क्रिप्ट हो अथवा रिपब्लिक डे पर मंच संचालन स्क्रिप्ट हो, आप सब की भरपूर शुभेक्षायें और प्रतिसाद मुझे प्राप्त हुआ है। आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल 26 जनवरी एंकरिंग स्क्रिप्ट 2019 भी आप सबको बेहद पसंद आयेगा।
26 जनवरी एंकरिंग स्क्रिप्ट 2019

एंकर मेल – सभी देशवासी एक बार मेरे साथ समवेत स्वर में भारत माता का जयघोष करेंगें, भारत माता की…, भारत माता की….., भारत माता की……,
बहुत सुंदर। हमारे सभी हमवतन साथियों को 69वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। दोस्तों, पुनः हमारी गौरवपूर्ण स्मृतियों को ताज़ा करने का वक़्त आ गया है। अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले अमर शहीदों और स्वन्त्रता सेनानियों को कृतज्ञता सुमन अर्पित करने का त्योहार आ गया है।
मैं आज के कार्यक्रम का होस्ट समीर मलिक हमारी संस्था ……….. की ओर से अमर शहीदों को समर्पित इन पंक्तियों के साथ आज के इस जश्न का आगाज़ करना चाहता हूँ कि..
अफ़सोस बड़ा हम भूल गये, गोरों की ख़ूनी चालों को
जो लहू हमारा पीते थे, उन रक्त पिपासु कालों को
जो कालों के भी काल बने, उनको इक पुष्प चढ़ा देना
भारत के अमर सपूतों को, श्रद्धा से शीश झुका देना।
- कवि अमित ‘मौलिक’
ज़ोरदार तालियाँ हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिये बजा दीजिये। धन्यवाद
एंकर फीमेल – बिल्कुल समीर।। 26 जनवरी सन 1950 में हमें व्यवहारिक रूप से संवैधानिक आज़ादी प्राप्त हुई। व्यापक रूप में समझें तो अभियक्ति की आज़ादी, भाषायी आज़ादी, अपने इष्ट और मज़हब को मानने की आज़ादी, अपनी संस्कृति और सभ्यता को अक्षुण्ण रखने की आज़ादी, अपने सम्मान को कायम रखने की आज़ादी हमें गणतंत्र दिवस को प्राप्त हुई।
एक लौहमर्षक संघर्ष और लाखों देशवासियों के बलिदान के पश्चात हमें मान और सम्मान से जीने का हक़ मिला। और इसी संवैधानिक स्वायत्तता के राष्ट्रीय जश्न में पधारे हुये सभी गणमान्य अतिथियों और देशवासियों का मैं आज के कार्यक्रम की होस्ट इति श्रीवास्तव अपनी संस्था ……… की तरफ से इन चार पंक्तियों के साथ हार्दिक स्वागत और अभिनंदन करती हूँ कि..
नसों में खूँ नहीं सैलाब शोलों का मचलता था
वतन पर होम कर दी नौजवानी नौजवानों ने
लगाकर हर बरस मेले तुम्हें हम याद रक्खेंगे
क़यामत तक रखेगा हिंद आबे चश्म आंखों में।
- कवि अमित मौलिक
एंकर मेल – जी हाँ इति।। इतिहास बीत गया, किंतु इतिहास पुरुषों, वीरांगनाओं के अमर बलिदान की बदौलत ही हम आज इतनी शान और सम्मान के साथ हमारा राष्ट्र ध्वज तिरंगा फहरा पा रहे हैं। दोस्तों, जब भी हमारे अमर बलिदानियों के देश के प्रति ज़ज़्बे और उनके प्रति देशवासियों का सम्मान भाव देखता हूँ तो मुझे बरेली के बहुत ही मशहूर शायर जनाब ख़लील फरीदी साहेब की दो अमर पंक्तियां याद आती हैं कि –
काश ऐसा कोई काम कर जाऊँ मैं
नाम ज़िंदा रहे और मर जाऊँ मैं।
- जनाब ख़लील फरीदी साहेब
और अपनी मिट्टी, अपनी मातृभूमि पर मर मिटने पर जो यश है वो दुनिया के किसी भी बड़े से बड़े काम को कर देने पर नहीं मिल सकता। इसी भावना के साथ मैं आज के कार्यक्रम के प्रथम सोपान की ओर बढ़ने की अनुमति चाहता हूँ। हमें जिनका इंतज़ार था वो हस्ती हमारे बीच में पधार चुकीं हैं।
एंकर फीमेल – जी हाँ, आज के मुख्य अतिथि ………… के अध्यक्ष ……… श्री ……… जी, आज के कार्यक्रम अध्यक्ष ………. के ……… श्री ……… जी, विशिष्ट अतिथि ………. के ……… श्री ……… जी, विशिष्ट अतिथि ………. के ……… श्री ……… जी हमारे मध्य पधार चुके हैं। जैसा कि स्थापित क्रम है, मैं ध्वाजारोहण के गरिमामय क्रम को सम्पन्न करने के लिए इन पंक्तियों के साथ आप सबको आमंत्रित करना चाहती हूँ कि…
गौतम अल्ला नानका, महावीर गोविंद
नस नस वंदे मातरम, अंग अंग जय हिंद
यही हवा मिट्टी यही, यही तिरंगा हाँथ
जन्म जन्म भारत मिले, आ जाये आनंद।
- कवि अमित मौलिक
(ध्वजारोहण समापन)

एंकर मेल – एक बार पुनः समवेत स्वर में जयघोष करेंगे भारत माता की …., भारत माता की ….आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुये मैं हमारे आज के अतिथियों को मंचासीन होने का निवेदन करता हूँ। हमारी संस्था के ……….. श्री ………. से अनुरोध करता हूँ कि वो विशिष्ट अतिथि जी ……..को मंचासीन करायें। साथ ही संस्था के ……….. श्री ……….जी से अनुरोध करता हूँ कि वो द्वितीय विशिष्ट अतिथि …………. जी को सादर मंचासीन करायें।
एंकर फीमेल – मैं हमारी संस्था के ……….. श्री ………. से अनुरोध करती हूँ कि वो आज के कार्यक्रम अध्यक्ष श्री……… जी को मंचासीन करायें तथा हमारी संस्था के ……….. श्री ………. से अनुरोध करती हूँ वो आज के मुख्य अतिथि श्रीमन ……….. जी को ससम्मान मंचासीन कराने में सहायता करें। मैं दो पंक्तियों से अपने डिग्निटीज़ का स्वागत करती हूँ कि …
आप आये नूर आया, मन प्रफुल्लित हो गया
मंच की शोभा बढ़ी है, जश्न सुरभित हो गया।
जोरदार तालियां बजा दीजिये हमारे गणमान्य अतिथियों के लिये।
एंकर मेल – कार्यक्रम को गति देते हैं। जैसी कि भारतीय परंपरा है, किसी भी उत्सव या कार्यक्रम का शुभारंभ हम पवित्र अग्नि के प्रज्ज्वलन के साथ करते हैं, मैं सभी मंचासीन अतिथियों से माँ भारती और माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन का अनुरोध इन पंक्तियों के साथ करता हूँ कि…
ऊषा से रहे मित्रता और, किरणों से रिश्ता नाता हो
वरदान मात देना ऐसा, अंतस में सदा विधाता हो
करुणा की सरिता बह जाये, परहित का हिय में चाव रहे
कण कण ज्योतिर्मय हो जाये, नस नस में भारत माता हो।
- कवि अमित ‘मौलिक’
(दीप प्रज्ज्वलन का समापन)
एंकर फीमेल – इस दिव्य क्रम में आपकी भी पुनीत भागीदारी तालियों की करतल ध्वनि से सुनिश्चित करें। धन्यवाद
26 जनवरी एंकरिंग स्क्रिप्ट 2019
चलिये ले चलते हैं आपको आज की प्रथम प्रस्तुति की ओर। मैं हमारी संस्था की वंदना जैन, नीता जैन और अनुश्री गुप्ता को आमंत्रित करती हूँ कि वो आयें और एक अतिथि स्वागत प्रस्तुत कर अतिथियों का शब्दार्चन करें।
(स्वागत गीत का समापन)

एंकर मेल – बहुत ही सुमधुर गीत। ज़ोरदार तालियों का निवेदन है इन प्रतिभागियों के लिये। वक़्त है हमारे मंच को गरिमामय बनाने वालीं हस्तियों के अभिनंदन करने का। मित्रों, बड़प्पन सदा ही स्वागत योग्य होता है। सेवा भाव और देश के प्रति समर्पित रहने वाले व्यक्तित्व हस्तियों में परिणित हो जाते हैं। और उस मंच और सभा के बड़े सौभाग्य होते हैं जहाँ ऐसी आदरणीय हस्तियां सुशोभित होती हैं।
मैं चार पंक्तियों आज के मुख्य अतिथि …… के ……..माननीय श्रीमन …… जी की अज़ीमुश्शान शख्शियत को समर्पित करते हुये हमारी संस्था के ……… के………श्री ………. जी को और संस्था के ……… के ……. श्री ……. जी से आग्रह करता हूँ कि वो मंच पर विराजित मुख्य अतिथि जी को शाल श्रीफल और पुष्पमाला से सम्मानित करें। पंक्तियां समर्पित करता हूँ कि….
जो दुआयें थीं हमारी अब कुबूुली जायेंगीं
आपसे मिलकर लगा जैसे इबादत हो गई।
- कवि अमित ‘मौलिक’
एंकर फीमेल – ज़ोरदार तालियाँ हमारे मुख्य अतिथि जी के सम्मान में। अब मैं आज के कार्यक्रम अध्यक्ष … के …….. माननीय श्रीमन …… जी की विराट शख्शियत को समर्पित करते हुये हमारी संस्था के ……… के………श्री ………. जी को और संस्था के ……… के ……. श्री ……. जी से आग्रह करती हूँ कि वो मंच पर विराजित अध्यक्ष जी को शाल श्रीफल और पुष्पमाला से सम्मानित करें।
पंक्तियां समर्पित करती हूँ कि …
आपकी रहनुमाई अगर पास हो
थोड़ी तदवीर हो थोड़ा विश्वास हो
वो फ़लक चाँद तारे सभी आयेंगे
मुट्ठियों में अगर आपका साथ हो।
- कवि अमित ‘मौलिक’
एंकर मेल – ज़ोरदार तालियाँ हमारे कार्यक्रम अध्यक्ष जी के लिये। अब मैं आज के विशिष्ट अतिथि … के ……..माननीय श्रीमन …… जी के गरिमामय व्यक्तित्व को पंक्तिबद्ध करते हुये हमारी संस्था के ……… के………श्री ………. जी को और संस्था के ……… के ……. श्री ……. जी से आग्रह करता हूँ कि वो मंच पर विराजित विशिष्ट अतिथि जी को शाल श्रीफल और पुष्पमाला से सम्मानित करें। पंक्तियां समर्पित करता हूँ कि ….
आपकी दिलदारियों को ख़ूब सुनते आये हैं
आपसा हरफन कलंदर कौन है इस शहर में
कोई होता और तो होते ज़मीं पर पैर ना
आपकी सादादिली के किस्से हैं इस शहर में।
- कवि अमित ‘मौलिक’
एंकर फीमेल – तालियों की गड़गड़ाहट होनी चाहिये हमारे विशिष्ट अतिथि जी के लिए। क्रम समापन की ओर है, हमें हमारी एक और गणमान्य हस्ती का स्वागत करना है। मैं आज के एक और विशिष्ट अतिथि … के ……..माननीय श्रीमन …… जी के गरिमामय व्यक्तित्व को पंक्तियों में पिरोने का प्रयास करते हुये हमारी संस्था के ……… के………श्री ………. जी को और संस्था के ……… के ……. श्री ……. जी से आग्रह करती हूँ कि वो मंच पर विराजित विशिष्ट अतिथि जी को शाल श्रीफल और पुष्पमाला से सम्मानित करें। पंक्तियां निवेदित करती हूँ कि ….
आप से पूँछा कहाँ हमने तआरुफ़ आपका
आपका क़िरदार उड़ती खुश्बुओं ने कह दिया।
- कवि अमित ‘मौलिक’
(स्वागत समापन)
एंकर मेल – ज़ोरदार तालियाँ हमारे विशिष्ट अतिथि जी के लिए और सभी डिग्निटीज़ के लिए बजा दीजिये। धन्यवाद। वक़्त हो चला है आपको रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की ओर ले चलने का। तो ले चलते हैं आपको एक शानदार ग्रुप डांस की ओर जिसे प्रस्तुत करने आ रहे हैं …………… ………. ………. ….
……. ……. ……., इस प्रस्तुति का नाम है एक स्तुति अनेक संस्कृति।।। तो चलिये आनंद लेते हैं।
(प्रस्तुति समापन)
26 जनवरी एंकरिंग स्क्रिप्ट 2019

एंकर फीमेल – वाह वाह वाह।।। जोरदार तालियां। कितना सुंदर संदेश था इस प्रस्तुति का। मुझे एक शायर की चार खूबसूरत पंक्तियां याद आ रहीं हैं कि..
बरबाद हो रहा है, ये गुलसिताँ हमारा
ये वक़्त ले रहा है, फिर इम्तिहाँ हमारा
नफ़रत को दूर कर दो, सब आओ मिलके गायें
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा।
एंकर मेल – बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति और बेहद खूबसूरत पंक्तियां। चलिये ले चलते हैं आपको अगली प्रस्तुति की ओर। अगली प्रस्तुति एक बेहद संवेदनशील विषय पर है। आप सब जानते हैं कि दशकों से हमारा देश आतंकवाद के दंश से पीड़ित है। और जब देश के सियासतदां सेना द्वारा किये गये आतंकवादियों के एनकाउंटर को ह्यूमन राइट्स का रंग देते हैं तो सेना के मनोबल पर क्या प्रभाव पड़ता है। मैं इस प्रस्तुति के प्रतिभागियों 1 ………., 2 ……….. , 3 …….. , 4 ……….., 5 ………., 6………, 7 …….., 8 ……… को मंच पर उनकी प्रस्तुति के लिए इन पंक्तियों के साथ आमंत्रित करता हूँ कि –
चमन वालो चमन की ख़ैर मांगो ख़ैर है इसमें
ना होगा जब चमन तो आशियाँ अपना कहाँ होगा।
- शायर हरिश्चन्द ज़िया बरेली
(प्रस्तुति का समापन)
एंकर फीमेल – ज़ोरदार तालियाँ। वाह वाह। क्या प्रस्तुति थी। लेकिन क्षमा करना जिस प्रकार की प्रस्तुति थी उस प्रकार की तालियाँ नहीं हैं। मैं आपसे पँक्तिमय निवेदन करती हूँ कि..
मर मिटे जो देश पर, उन शहीदों की जवानी लिख दो
स्वांस स्वांस में सरफ़रोशी की, इक नई कहानी लिख दो
हमारा वादा है इस जश्न को, बेहद खूबसुरत बनाने का
बस आप हर प्रस्तुति पर, तालियों की रवानी लिख दो।
जोरदार तालियां होनी चाहिए। ये हुई न बात। बहुत बहुत धन्यवाद
एंकर मेल – सारा आलम देशभक्ति के ज़ज़्बे से ओतप्रोत हो गया है। मातृभूमि की मिट्टी की खुश्बू हमारी नसों में समाहित हो गई है। ऐसे में यदि हमें कोई मार्गदर्शन मिल जाये तो हम अपनी वतनपरस्ती को सार्थक दिशा दे सकते हैं। मैं आज के चीफ़ गेस्ट माननीय श्रीमन ………. जी से अनुरोध करूँगा कि वो हमें एक संक्षिप्त उद्बोधन देकर हमारा मार्ग प्रशस्त करें। तालियों की करतल ध्वनि से उनको आमंत्रित करने में सहायता करें।
(उद्बोधन समाप्त)
जोरदार करतल ध्वनि। अद्भुत और अनुपम। इतना ओजस्वी उद्बोधन था कि हम सब मंत्रमुग्ध हो गये थे। कुछ पंक्तियों से आपको नमन निवेदित करता हूँ कि ..
ज्यों मरुस्थल में, रंगीन गुल खिल गये
ज्यों समंदर में भटकों को, तट मिल गये
हमको सानिध्य ऐसा, लगा आपका
जैसे शबरी को उसके, प्रभु मिल गये।
एंकर फीमेल – अद्भूत। आइये ले चलते हैं अगले क्रम की ओर। हमारी अगली प्रस्तुति साम्प्रदायिक एकता के विषय पर है। आज हमारे देश में केवल सियासी फ़ायदे के लिये मज़हबी ज़हर फैलाया जाता है। इसी विषय को लेकर खूबसूरत संदेश देती प्रस्तुति लेकर आ रहे हैं प्रतिभागी 1 ………., 2 ……….. , 3 …….. , 4 ……….. मैं उन्हें मंच पर उनकी प्रस्तुति के लिए किसी शायर की इन पंक्तियों के साथ आमंत्रित करता हूँ कि….
हवेली झोपड़ी सबका मुक़द्दर फूट जायेगा
अगर हाथों से दामन-ए-शराफ़त छूट जायेगा
खुदा आये पाक का घर हो या हो श्रीराम का मंदिर
इमारत कोई भी टूटी तो भारत टूट जायेगा।
(प्रस्तुति का समापन)
एंकर मेल – बहुत ही प्रभावी और संवेदनशील प्रस्तुति। जोरदार तालियां बनती हैं इस शानदार परफॉर्मेंस के लिए। चलिये ले चलते हैं आपको आज की अंतिम प्रस्तुति की ओर। दोस्तों, वतनपरस्ती केवल देश पर जान देने को ही नहीं कहा जाता है। वतनपरस्ती अपने वतन की संस्कृति, सभ्यता, मान्यता, सामाजिक मर्यादायें और मानवीय मूल्यों का भी सम्मान करने से होती है। बड़े ही दुःख और लज्जा के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारे देश में छोटी-छोटी बच्चियों के साथ हवस का गंदा खेल खेला जा रहा है। दुराचार की त्रासद घटनायें अत्यधिक मात्रा में सामने आ रहीं हैं जो कि मन को द्रवित कर देतीं हैं। मैं इस प्रस्तुति के प्रतिभागियों 1 ………., 2 ……….. , 3 …….. , 4 ……….., 5 ………., 6………, को मंच पर उनकी प्रस्तुति के लिए इन पंक्तियों के साथ आमंत्रित करता हूँ कि …
हैं विक्षिप्त कसाई लोलुप दर्द नहीं ये जानें
बच्चों और बड़ों में कोई फ़र्क नहीं वो मानें
सुबह करायें कन्या भोजन शाम को मंशा डोले
घूमें सज़्ज़न बनकर ढ़ोंगी पहन केशरी चोले
नोंच नोंच कर खाने वाले नरभक्षी हैवान
है इनसे लज्जित हिंदुस्तान, है इनसे लज्जित हिंदुस्तान।
- कवि अमित ‘मौलिक’
(प्रस्तुति का समापन)
एंकर फीमेल – जोरदार तालियाँ इस मार्मिक प्रस्तुति के लिए। बल्कि मैं आपसे आग्रह करना चाहती हूँ कि हमारे सारे कलाकारों के लिए, इस सुंदर कार्यक्रम की व्यवस्था में दिन रात एक करने वाले वॉलिंटियर्स के लिए तथा इतने शानदार और प्रबुद्ध दर्शक होने के लिए आप सब लोग एक बार जोरदार तालियों का महोत्सव कर दीजिये। बहुत बहुत धन्यवाद । वंदे मातरम। जय हिन्द। जय भारत
एंकर मेल – शानदार। मैं अपनी संस्था ……… के ………… से निवेदन करता हूँ कि वो आयें और चंद शब्द कहकर आभार प्रदर्शित करें। इसी के साथ मैं भी विदा लेता हूँ। दिल से धन्यवाद। जय हिन्द जय भारत।
आशा करता हूँ कि यह आर्टीकल 26 जनवरी एंकरिंग स्क्रिप्ट 2019 आप सबको पसंद आया होगा। अपनी प्रतिक्रिया से मुझे अवगत अवश्य करायें। बहुत बहुत शुभेक्षायें। जय हिंद
Bahut khoob sir thankyou very muchh sir
बहुत बहुत धन्यवाद आभार आपका।
अति सुंदर
Kya bat hai,bhut hi badhiya
Sir muje aap ki ankaring achi lagti he me hame sha aap ki nakal kar ta hu
I like u sir
Ati uttam, Sriman se agrah kripya saraswati Puja ke awasar par ayojit sangeet karyakram ka manch sanchalan hetu marg prashant kare.
श्रीमानजी बहुत बहुत आभार
बहुत ही बेहतरीन और शानदार, आप is Rachna se हमें काफी कुछ सीखने को मिलता है। धन्यवाद महाशय मैं आपका आभारी रहूंगा
Very nice
Amit ji, specially your shayaries are awesome
अमित जी अतिसुन्दर।आपसे बहुत कुछ सीखने लायक है।हार्दिक बधाई।
सर बहुत दिनों से आपने गणतंत्र दिवस के लिए नई मंच संचालन स्क्रिप्ट पोस्ट नहीं की।कृपया मंच संचालन स्क्रिप्ट पोस्ट करिए प्लीज।