हिंदी दिवस एंकरिंग स्क्रिप्ट – हिंदी दिवस मंच संचालन स्क्रिप्ट, हिंदी दिवस प्रस्तोता स्क्रिप्ट
दीप प्रज्ज्वलन – इन्हीं संवेदनशील विसंगतियों पर कुठाराघात करने, हिंदी भाषा के मान-सम्मान को प्रचुरता प्रदान करने हेतु हम सभी आज यहाँ एकत्रित होकर हिंदी दिवस को एक उत्सव के रूप में मनाने जा रहे हैं। कार्यक्रम को गति देते हुये मैं आज के मुख्य अतिथि प्राचार्य महोदय माननीय श्री ………… जी और सभी गुरुजनों से माँ सरस्वती जी के चित्र के समक्ष इन पंक्तियों के साथ दीप प्रज्जवन का अनुरोध करती हूँ कि …
कलुषित ह्रदय यह हो गया, भाषा की शुचिता गौण है
आक्रांत होती जा रही, अब हिंदी मेरी मौन है
माँ शारदे हे उज्ज्वला, यह तम भगा दो ह्रदय से
कोई अन्य अमृत भर सके, इस सृष्टि में अब कौन है।
( दीप प्रज्जवन का समापन) साथियों, समवेत स्वर में करतल ध्वनि हो जाये इस पवित्र क्रम के लिए। धन्यवाद
स्वागत गीत – क्रम हमारे विद्यालय के महा मनीषी गुरुजनों के सम्मान में एक सुमधुर स्वागत गीत का है। मैं कक्षा …… की 1……. , 2…….., 3…….. को मंच पर एक सुरीले स्वागत गीत के लिए आमंत्रित करती हूँ। कृपया शीघ्र आयें।
(स्वागत गीत का समापन) तीव्र करतल ध्वनि इस स्वागत गीत के लिए। धन्यवाद
मित्रों, हम सभी जानते हैं कि एक शिशु जब जन्म लेता है तो प्रथम शब्द जो वो माँ से सुनता है वो, मेरा प्यारा बच्चा, मेरी प्यारी बेटी, मेरी गुड़िया रानी होते हैं। और हिंदी में होते हैं। जब हम स्वाभाविक रूप में सोचते हैं, प्रतिक्रिया करते हैं तो तो मातृभाषा में ही करते हैं। चाहे हम कितना भी आधुनिक हो जाएं, परिवर्तित हो जाएं किन्तु नस- नस में रची बसी यह सच्चाई, यह भाषायी सुगंध कभी नहीं जा सकती। आइये हम शनैः शनैः बढ़ते हैं अपनी उसी भाषायी सुगंध की ओर।
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अतिथि स्वागत – कार्यक्रम को गति देते हुये हम मंचासीन मनीषियों के स्वागत क्रम की ओर चलते हैं। मैं हिंदी भाषा को समर्पित हमारे पूज्य प्राचार्य महोदय जी के चमत्कृत कर देने वाले व्यक्तित्व को चार पंक्तियाँ अर्पित करते हुये उनके स्वागत हेतु हमारे विद्यालय के कक्षा …… के छात्र प्रतिनिधि …….. जी और उनके साथी ………. एवं …….. को आमंत्रित करती हूँ कि वो आयें और प्राचार्य महोदय जी का पुष्प गुच्छ और रोली चंदन से वंदन करें कि …
पथ तो सब बतलाते किन्तु, कुछ उँगली थाम चलाते हैं
प्रण पन से जो निज वसुधा पर, संस्तुति के पुष्प खिलाते हैं
ऐसे सज्जन हैं वंदनीय, निज भाषा का सम्मान करें
हिंदी लिखकर – हिंदी कहकर, हिंदी मय हिंदुस्तान करें।
सम्मान के इस क्रम में हमारे अन्य श्रेष्ठ गुरुजन श्री ……….. जी का स्वागत करने के लिए कक्षा ….. के …… जी, गुरुजन श्री ……….. जी का स्वागत करने के लिए कक्षा ….. के …… जी, गुरुजन श्री ……….. जी का स्वागत करने के लिए कक्षा ….. के …… जी, गुरुजन श्री ……….. जी का स्वागत करने के लिए कक्षा ….. के …… जी एवं गुरुजन श्री ……….. जी का स्वागत करने के लिए कक्षा ….. के …… जी शीघ्रता से मंच पर आ जायें। मैं चार पंक्तियाँ हमारे विद्वत गुरुजनों के सम्मान में पढ़ते हुये इस गरिमामयी क्रम को परिपूर्ण करना चाहती हूँ कि …
Superb script
धन्यवाद आपका पटेल साहेब।
बहुत खूब
धन्यवाद आपका लीला जी। बहुत आभार
🌹
अद्धभुत अकल्पनीय सटीक लेखन चित्रण के चित्रकार को मन मानस के आलोक से आलोकित हृदय के गहनतम तल से वंदन🙏..
आदरणीय आपकी शैली को कुछ भी नाम देकर उसे शब्दसीमा से अभिव्यक्त करना शब्दावली का अपमान ही होगा…
यह लेख अवर्णतित ऊर्जा के अनुपम अनुप्रयोग शिल्पकार द्वारा किया हुआ वह टंकण विधा है जिसके द्वारा निर्मल चोटों से शिला से भगवान का रूप निर्माण प्रशस्त होता है….
आप द्वारा इस शिल्प से निवर्तमान पीढ़ी में भाषा के सशक्तिकरण एवम अभिव्यक्ति की जो अलख …. आप के द्वारा प्रज्वालित करी गई है निःसंदेह उसकी किरणें हमारे भारत वर्ष में एक नया सवेरा जरूर लाएगी… ऐसा मुझे दृढ़ विश्वास है ….।
पुनः आपके अथक प्रयास को नमन
जय जिनेन्द्र🙏
आदरणीय आलोक जी, जय जिनेंद्र। मुझे अतीव प्रसन्नता हुई कि स्क्रिप्ट आपको रुचिकर लगी। इस स्क्रिप्ट को लिखवाने का पूर्ण श्रेय आपको जाता है। आनंदित हूँ आपकी मनभावन शाब्दिक सराहना से। गुड़िया रानी को उसके कार्यक्रम के लिए शुभेक्षायें। बहुत बहुत आभार धन्यवाद
बहुत ही शानदार अमित जी
बहुत बहुत धन्यवाद सैनी साहेब। बहुत आभार
मुझे बहुत पसंद आई, पढ़ाने मे कारगर साबित हुई, धन्यवाद साहब……. सुनिल कडू . हिंदी अध्यापक बाबासाहेब धाबेकर विद्यालय बार्शी टाकळी जिला. अकोला महाराष्ट्र
धन्यवाद आदरणीय अध्यापक जी। हिंदी के विद्वतजनों के द्वारा सराहे जाने का अलग ही आनंद है। आभार
आदरणीय स्नेहिल्
आप द्वारा प्राप्त उपहार स्वरूप यह मौलिक ज्ञान की व्याख्या को ,मैं मात्र एक व्यक्तव्य से करना चाहूंगा,
बिटिया रानी द्वारा मंच संचालन निष्पादित होने के पश्चात सभी ने (समस्तवर्ग द्वारा) ह्रदय से शुभकामनाये प्रेषित करी ,पर सबसे ज्यादा खुशी मेरी बिटिया को उन शिक्षिका से हुई जो कभी किसी को एकाएक उत्साहित नहीं करती ,उनके द्वारा भी जब बिटिया स्नेहाशीष प्राप्त हुआ तो उसकी खुशी का वह क्षण ह्रदय को सुकून देने वाला था, मैं असाधारण सहज सरल भावों से आपका आभार व्यक्त करता हूँ ,आपने अपने बहुँमुखी प्रतिभा से हम सभी को आनंद के सागर में भीगने का अवसर प्रदान किया।
पुनः आभार
आपके आगामी लेख के इंतजार में
आलोक जैन
आदरणीय आलोक जी, सादर जय जिनेंद्र।
मुझे अभूतपूर्व ख़ुशी हुई यह जानकर कि बिटिया रानी को अप्रतिम प्रतिसाद मिला। आर्टीकल लिखना तब सार्थक होता है जब लेख के द्वारा कोई सफलता की कहानी गढ़ता है।
पुनः आभार आपकी अतुल्य शुभेक्षाओं के लिये। आपसे अनुरोध है कि यदि अनुकूलता हो तो बेटी की मंच संचालन करते हुये कुछ तस्वीरें मुझसे अवश्य साँझा करें। मैं अपने किसी आर्टिकल में उन चित्रों का प्रयोग करूँगा। धन्यवाद आपका
Bahut bahut dhanywad sir, is hinglish ke mahoul me hamari bhasha ki khichdi pak rahi hai , aise me shabd suzte hi nahi hai..aapki is script ne doobti na
iya ko aadhar diya hai.punha apka hardik dhanywad.
अतिसुंदर रचना “मौलिक जी”
हिंदी शिक्षिका अनिता निलेश
बहुत खूब, आपकी लेखनी यूँ ही सुनहरे रंग बिखेरती रहे।