शिक्षक दिवस एंकरिंग स्क्रिप्ट । Teachers day Anchoring script in hindi । शिक्षक दिवस पर मंच संचालन स्क्रिप्ट हिंदी में। शिक्षक दिवस पर एंकरिंग कैसे करें

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मित्रों, किसी कवि ने कहा है कि-

मूढ़ महा मति हीन भी, वाल्मीकि सा होय
सच्चे गुरु की कृपा से, लोहा पारस होय।।

जी हाँ दोस्तों, सच्चे गुरु सच्चे teacher अगर हम students को शिक्षित करें तो इस देश को फिर से न जाने कितने महामना सर्वपल्ली राधाकृष्णन, कितने स्वामी विवेकानंद, कितने महामहिम कलाम प्राप्त होंगें। जो माँ भारती के दामन में नभ के सितारे भर देंगें। ऐसी ही होती है गुरु की महिमा। क्रम हमारे गुरुओं एवम हमारे अतिथिगणों के अभिनंदन का है।

मैं हमारे छात्र संघ के अध्यक्ष, भाई विजय चक्रवर्ती को मंच पर आमंत्रित करती हूँ कि वो आयें और हमारे आज के विशिष्ट अतिथि श्री सुरेन्द्र द्विवेदी जी का रोली चंदन और गुलदस्ता देकर सम्मान करें। माननीय विशिष्ट अतिथि जी के सम्मान में चार पंक्तियाँ अर्पित करती हूँ कि-

दिल मायूस सा था कोई, उम्मीद जगती ना थी
हथेली पर गुलाब खिला दें यूँ हमारी हस्ती ना थी
हम कैसे शुक्रिया आभार उपकार कहें आपका
अगर आप ना आते तो यह शाम महकती ना थी।

ज़ोरदार तालीयाँ विशिष्ट अतिथि जी के लिये। अब मैं हमारे कॉलेज cricket captain ………..जी, chess champion…………जी, tennis champion………..को आमंत्रित करती हूँ कि वो मंच पर आयें और आज के कार्यक्रम अध्यक्ष हमारे माननीय प्राचार्य महोदय जी का चन्दन तिलक और गुलदस्ता भेंट कर उनका अभिनंदन करें स्वागत करें।

कार्यक्रम अध्यक्ष जी के लिए पंक्तियाँ सौंपती हूँ कि-

हमने फ़रिश्ते तो नही देखे कि कैसे होते होंगे
अगर वो होते भी होंगे तो आप जैसे होते होंगें।

जोरदार तालियाँ हमारे बड़े सर के लिए। क्रम आज के chief guest के अभिनंदन का है। मैं हमारे कॉलेज के शिक्षक संघ के अध्यक्ष माननीय …………एवम सचिव माननीय……….जी को मंच पर आमंत्रित करती हूँ कि वो मुख्य अतिथि जी का तिलक बुके देकर अभिनंदन करें।

 

क्रम 6-मुख्य अतिथि भाषण

चन्द पंक्तिया हमारे आदरणीय मुख्य अतिथि जी के गरिमामयी व्यक्तित्व को अर्पित करती हूँ कि-

यह बड़ी सोच यह दूर दृष्टि यह ऊर्जा हमें भी मिल जाये
तो हम सब के जीवन में भी आशा की कौंपल खिल जाये।
कृत उपकृत मन के भाव सुमन हम सादर अर्पित करते हैं
श्रीमान् पधारे आप यहाँ हम सब मिल स्वागत करते हैं ।।

ज़ोरदार तालियाँ हमारे मुख्य अतिथि जी के गरिमायुक्त स्वागत क्रम के लिये। मैं आज के मुख्य अतिथि माननीय पी सी जैन सर से अनुरोध करती हूँ कि वो अपने उद्गार व्यक्त कर हम छात्रों का पथ प्रदर्शित करें।

(मुख्य अतिथि का भाषण सम्पन्न) बहुत ख़ूब। इतनी अच्छी सीख हमें हमारे मुख्य अतिथि जी ने बताईं जो निश्चित रुप से हमारे जीवन के दर्शन बदलेगी। जोरदार तालियाँ मित्रो।

 

क्रम 7-सांस्कृतिक कार्यक्रम

चलिये आप सबको ले चलते हैं हमारी अगली सांस्कृतिक प्रस्तुति की ओर।

हमारी अगली प्रस्तुति एक short play लघु नाटक है। नाटक की विषय वस्तु तो नही, लेकिन आपको दो पंक्तियाँ अवश्य सुना कर हिंट दे सकती हूँ-

अतिशय गुरु का देखिये, छवि लख के अभ्यास
एकलव्य की श्रेष्ठता, अर्जुन से थी ख़ास।।

मुझे पता है कि आप लोग काफी कुछ समझ गये हैं। play का शीर्षक है गुरुदक्षिणा। जिसे आप के सामने प्रस्तुत करेंगे हमारे कॉलेज के प्रतिभावान कलाकार। तो आइये देखते हैं यह प्रस्तुति-

 

आगे पढ़ने के लिये कृपया पृष्ठ 4 पर जायें◆>

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