शहीदों पर कविता – पराक्रम पर्व कविता, भारतीय सेना पर कविता
शहीदों पर कविता – वतन से प्रेम करने वाले सभी देशवासियों को कवि अमित मौलिक का सादर जय हिन्द। मित्रों, आप सबके समक्ष प्रस्तुत है आर्टीकल शहीदों पर कविता । दोस्तों, आज से ठीक 2 बर्ष पहले गुलाम कश्मीर में, भारतीय सेना द्वारा अभूतपूर्व सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी। हमारे वीर सैनिकों ने आतंकी ठिकानों को श्मशान बना कर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को मुंहतोड़ उत्तर दिया था। इस आर्टीकल शहीदों पर कविता के द्वारा मैंने अपने देश की सेना और उनके अतुलित पराक्रम को शब्दों में पिरोने का प्रयास किया है।
अभी हमारे देश में सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी बर्षगाँठ पर 3 दिवसीय पराक्रम पर्व – सर्जिकल स्ट्राइक डे मनाया जा रहा है। आम जनता के लिये इंडिया गेट पर सेना की गौरव गाथा को गाती प्रदर्शनियां लगाई गईं हैं। सेना के हथियार आदि को जन समूह के अवलोकनार्थ रखा गया है। पराक्रम पर्व पर कविता के माध्यम से मैं देश की सेना के शौर्य को नमन करता हूँ। आशा करता हूँ कि शहीदों पर कविता द्वारा आप सबको अपनी सेना के अदम्य शौर्य से थोड़ा बहुत परिचित करा पाया होऊँगा।
शहीदों पर कविता , शहीद जवान पर कविता, शहीदों पर गीत, शहीद दिवस पर कविता, शहीदों को नमन कविता, शहीदों को श्रद्धांजलि कविता, शहीद सैनिक कविता, शहीद सैनिक पर कविता, शहीदों पर कविताएं, अमर शहीदों पर कविता, भारतीय सेना पर कविता, शहीद सैनिक कविता, पराक्रम दिवस पर कविता, पराक्रम पर्व कविता, सर्जिकल स्ट्राइक पर कविता, देशभक्ति कविता, सैनिकों के शौर्य पर कविता, शौर्य दिवस पर कविता, सर्जिकल स्ट्राइक डे पर कविता, सर्जिकल स्ट्राइक डे पोएम इन हिंदी, भारतीय सेना दिवस कविता
ये भी पढें – सर्जिकल स्ट्राइक पर कविता
ये भी पढें – देशभक्ति पर एक तेज़ाबी कविता
ये भी पढें – तिरंगे के ऊपर शानदार शायरी
शहीदों पर कविता
रहेगा अमर सदा बलिदान, रहेगा अमर सदा बलिदान।
युग-युग तक यह देश कहेगा, जय हो अमर जवान।
रहेगा अमर सदा बलिदान, रहेगा अमर सदा बलिदान।
सियाचीन की ख़ून जमा, देने वाली हो सर्दी
जैसलमेर की अंगारों सी, हाहाकारी गर्मी
सरहद पर भूखे प्यासे, लड़ते हैं वीर लड़ाके
देश रोज गहरी नींदों में, सोता है तब जाके
इनका अतुलित शौर्य देख कर, अचरज करे ज़हान
रहेगा अमर सदा बलिदान, रहेगा अमर सदा बलिदान।
लोंगेवाला वाला युद्ध याद कर, सीना चौड़ा होता
महज़ सवा सौ की टुकड़ी ने, दो हज़ार को रौंदा
कई बार हमने जूतों से, पाकिस्तान को कुचला
कारगिल की टाइगर हिल पर, हैवानों को मसला
सर्जिकल स्ट्राइक जहाँ की, वहीं बना शमशान
रहेगा अमर सदा बलिदान, रहेगा अमर सदा बलिदान।
कारगिल के शीशराम, गणपत विनोद सेनानी
हो रविन्द्र औरंगज़ेब या, हंसराज अभिमानी
भगतसिंह आज़ाद बोस की, यही रही परिपाटी
वही खून है वही है रौरव, वही बज्र सी छाती
हँसते-हँसते ओढ़ तिरंगा, अर्पित कर दी जान
रहेगा अमर सदा बलिदान, रहेगा अमर सदा बलिदान।
बहुत हुआ अब और ना अपने, सैनिक हम खोयेंगे
ऐसी होगी जंग दरिंदे, फफक-फफक रोयेंगे
आठ इंच का खंज़र, सीने के अंदर कर देंना
लाल दहकता लोहा सीधा, नस-नस में भर देना
चाहे फिर वो चीन रहे या, चाहे पाकिस्तान
रहेगा अमर सदा बलिदान, रहेगा अमर सदा बलिदान।
अमर शहीदों से मौलिक है, अपना हिन्दुस्तान
रहेगा अमर सदा बलिदान, रहेगा अमर सदा बलिदान।
युग-युग तक यह देश कहेगा, जय हो अमर जवान।
रहेगा अमर सदा बलिदान, रहेगा अमर सदा बलिदान।
– कवि अमित मौलिक
इस प्रस्तुति शहीदों पर कविता के बारे में आपके अमूल्य विचार आमंत्रित हैं। धन्यवाद
आपका बहुत बहुत धन्यवाद् सर। मैं उम्मीद करती हूँ की बाकी कविताएँ भी जल्द ही प्रकाशित होंगी। सर सच्च मे आप एक बहुत अच्छे कवी हैं और जो भी लिखते हैं सच्चे दिल से लिखते हैं। सर मेरी एक और विनती है अगर आप बुरा न माने तो। सर किया आप शहीद उधम सिंह पर भी एक कविता और एक स्पीच लिख सकते हैं। प्लीज सर मन मत करना। मैं एक बार फिर आपके जवाब का इंतज़ार करुँगी।
धन्यवाद सर।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आपकी सरहाना उत्साहवर्धन करती है। जी मैं शीघ्र ही प्रयास करता हूँ ऊधम सिंह जी पर कुछ लिखने का।
Sir. Acording to me ,U are the best composer.I have nothing to write in ur praise.really u r great.
अंसारी जी आपका इतना कहना ही मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। यूँ ही हौसलाअफजाई करते रहें। दिल से शुक्रिया मित्रवर
Very nice sir ji
बहुत ही उम्दा अभिव्यक्ति जैन साहब
जारी रखिये अपनी सोच के समंदर को अपनी लेखनी के जरिये
बहुत सुंदर रचना और लोग भी जाने पढ़े इसलिए इसे ले जा रही हूँ
होली की शुभकामनायें
सुन्दर। नमन शहीदों को।
सामयिक रचनाएं