मंच संचालन स्क्रिप्ट-Manch sanchalan script

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यह बड़ी सोच यह दूर दृष्टि
यह ऊर्जा हमें भी मिल जाये
तो हम सब के जीवन में भी
आशा की कौंपल खिल जाये।।
कृत उपकृत मन के भाव सुमन
हम सादर अर्पित करते हैं
श्रीमान् पधारे आप यहाँ हम
सब मिल स्वागत करते हैं ।। 

मैं संस्था के अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं सचिव जी से अनुरोध करता हूँ की वो मंच पर आकर क्रमशःमुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं आज के कार्यक्रम अध्यक्ष जी का स्वागत करें.

दोस्तों इस भव्य एवं गरिमामयी अतिथि स्वागत कार्यक्रम के लिए एक बार जोरदार तालियॉं बजा दीजिए । 

क्रम-7 अध्यक्षीय उद्बोधन-

कार्यक्रम का यह क्रम अध्यक्षीय उद्बोधन का है मैं हमारी संस्था के अध्यक्ष माननीय श्री……….. से अनुरोध करता हॅूं कि वो मंच पर आयें और चंद उद्गार व्यक्त करें।

जी हॉं दोस्तों हमारे सौम्य, सरल, सहज एवं नेतृत्व कुशल अध्यक्ष जी को इन पंक्तियों के माध्यम से उद्बोधन के लिए बुलाना चाहूंगा। 

छू ले आसमां जमी की तलाश मत कर
मजा ले जिंदगी का खुशियों की तलाश मत कर
गमों से दूर होकर तेरी तकदीर बदल जायेगी
मुस्कुराना सीख ले उसकी वजह न तलाश कर 

एक बार जोरदार तालियॉं हमारे अध्यक्ष जी के लिए । 

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क्रम-8 सांस्कृतिक कार्यक्रम- (प्रार्थना इतनी शक्ति हमें देना)

दोस्तो गॉड, भगवान, अल्लाह, महावीर इन्हें हम किसी भी नाम से बुलायें लेकिन एक परम शक्ति अवश्य होती है जिसे हम ‘‘सबका मालिक एक है’’ कहते हैं।  

एक तड़प, एक गहरी चाहत, असीमित प्यार और पूर्ण सुरक्षा इन सब भावनाओं का रूप ही तो ईश्वर होता है।

आईये आज हम इस प्रार्थना के माध्यम से उनसे सम्बाद करें, खोज करें और आह्वान करें जो हर पल हमारे साथ रहता है।

इस अलौकिक प्रार्थना क्रम को आरंभ करने के लिए मैं इसके प्रतिभागियों को मंच पर आमंत्रित करता हॅूं –

1…….. 2……….. 3…………..

दोस्तो, जोरदार तालियां हमारे ईश्वर के लिये और इस शानदार प्रस्तुति के लिये।

क्रम-9 सोलो कार्यक्रम- 

दोस्तो आपको क्या जानकारी है कि हमारे शहर में बल्कि हमारे ही ग्रुप में ही एक ऐसा नन्हा संगीत कलाकार है जिसकी नन्ही उंगलियाँ जब आर्गन पर थिरकती हैं तो सारा आलम मदहोश हो जाता है।

अब आप कहेंगे की क्या बात कर रहे हैं मैंने तो सरप्राईज ददेने शुरू कर दिये हैं क्या बाकई ऐसा कोई मास्टर कलाकार हमारे ग्रुप में है

बिल्कुल भैया अब मैं आपको ही नहीं पूरे गु्रप को उस नन्हे कलाकार से रूबरू कराने जा रहा हूँ। तो दोस्तों हमारा अगला सांस्कृतिक कार्यकम है आर्गन प्लेइंग प्रस्तुति और इसे लेकर आ रहे हैं हमारे नन्हे मास्टर……………

तालियों के साथ हमारे कलाकर ……….का स्वागत करेंगे।

दोस्तो मास्टर…………की नन्ही नन्ही उंगलियों का जादू देखकर मुझे एक शेर याद आ रहा हे कि 

बच्चों के नन्हे हाथों को चांद सितारे छूने दो
चार किताबें पढ़कर ये भी हम जैसे हो जायेंगे 

जोरदार तालियॉं मास्टर अविरल के लिए 

क्रम-10 उद्बोधन 

दोस्तो अब जैसा कि क्रम है हमारे विशिष्ट अतिथि श्री……………. को मंच पर आमंत्रित करना चाहता हॅूं कि वो आयें और अपनी ओजमयी वाणी से कुछ उद्गार व्यक्त करके हमारे ग्रुप का पथ प्रदर्शित करें।

एक बार जोरदार कर्तल ध्वनि से हमारे माननीय विशिष्ट अतिथि जी का अभिनंदन करेंगे। बहुत बहुत धन्यवाद।  

क्रम-11. 

अब जो प्रस्तुति मैं आपके सामने लेकर आ रहा हॅूं वह एक देशभक्ति से ओतप्रोत नृत्य प्रस्तुति है जो कि हमारे नन्हे मुन्हे बच्चों ने अथक परिश्रम करके तैयार की  है मैं इन पंक्तियों के माध्यम से अपने नन्हे कलाकारों को मंच पर आमंत्रित करता हूँ…..

ये बात हवाओं को  बताये रखना
रोशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर जिन्होंने तिरंगे की हिफाजत की
ऐसे तिरंगे को दिल में बसाये रखना। 

मैं इस प्रस्तुति के कलाकार मंच पर आ जायें..

1………..2……………3……………..4……………

जोरदार तालियॉं देशभक्ति से ओतप्रोत इस शानदार प्रस्तुति के लिए । कितना शानदार संदेश इस प्रस्तुति से ये बच्चे हमें दे गये हैं कि.. 

मुझे न तन चाहिये, न ही धन चाहिये
बस अमन से भरा यह वतन चाहिये
जब तक जिंदा रहूं इस मातृ भूमि के लिए
और जब मरूं तो तिरंगा ही कफन चाहिए 

क्रम 12- सोलो डांस

तो मित्रो अब आगे ‘काय झाला’
‘ओ हो तोला माहिते का’
ये मेरी भाषा को क्या हो गया है मेरे मुॅह से मराठी क्यों निकल रही है

ओहो मित्रो शायद इसलिए कि अब हमारा अगला कार्यक्रम जो है वो मराठी नृत्य है ‘अप्सरा पिंगा’ और जिसे लेकर आ रहे हैं हमारे नन्हे कलाकार…………….तो जोरदार तालियॉें स्वागत करेंगे……..का

बहुत शानदार प्रस्तुति थी इस नन्ही परी नें तो पूरे महाराष्ट्रा की यात्रा करा दी। मैं तो…. 

जब भी इन प्यारे बच्चों को
देखता हूं तो सोचता हॅूं
मालिक इन फूलों को
बहुत बड़ी उम्र दराज करे 

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क्रम-13 सांस्कृतिक कार्यक्रम गु्रप डांस ‘‘बाहुबली’’ 

अब हमारा अगला कार्यक्रम एक ऐसा कार्यक्रम है जिसको देखकर हमारे ग्रुप  के पुरूषों की बाजुओं की मसल्स फड़फड़ाने लगेंगी जी हाँ दोस्तों यह कार्यक्रम वीर योद्धाओं के जौहर को दिखाने वाला है

इन पंक्तियों के माध्यम से अपने सभी प्रतिभागियों को मंच पर बुलाना चाहता हॅूं कि.. 

लड़ते हैं सहसवार ही मैदाने जंग मैं
वो तिल्फ क्या लड़े जो घुटनों के बल चलें। 

प्रतिभागी मंच पर आ जायें..

1……………………………….     2………………
3………………………………..    4………………

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