मंच संचालन स्क्रिप्ट-विद्यालय का बार्षिकोत्सव। Anchoring script- Annual Function of School

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लेकिन क्या हुआ जो हम देश के लिए नहीं मर सकते
तो क्या हम अन्य तरीके से देशभक्ति नहीं कर सकते?

 

अवश्य कर सकते हैं। आज स्वच्छ् भारत अभियान जैसे प्रयासों से जुड़ना भी एक देशभक्ति है। हमारी अगली प्रस्तुति इसी ज्वलंत विषय पर है। मैं इस प्रस्तुति के प्रतिभागियों 1………, 2………., 3…………., 4………….को इन पंक्तियों के साथ मंच पर आमंत्रित करता हूँ कि…

 

मोदी जी ने कमर कसी है उनकी तो तैयारी है
राजा आज हो गए आंगे अब परजा की बारी है
स्वस्थ स्वच्छ भारत करने पावन अभियान चलाया है
हमें सिखाने स्वर्ग बनाने एक मसीहा आया है
मातृभूमि को जन्नत करने ‘मौलिक’ अलख जगाने को
चलो साथियो निकलें अब भारत को स्वच्छ बनाने को

 

12) मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान

एंकर फीमेल-जोरदार तालियाँ साथियो इस अलबेली प्रस्तुति के लिए। वाह वाह हमारे प्रतिभागियों ने तो कमाल ही कर दिया। खूब भालो। साथियो किसी कवि ने लिखा है कि..

 

जब फूल चमन में खिलते हैं
बासंती रुत आ जाती है
उनकी ज़िद जज़्बों के आंगें
हर दुश्वारी झुक जाती है
कुछ भी कर लो कुछ भी कह लो
यह ललक देश को बदलेगी
इनसे ज़न्नत इनसे ज़ीनत
इनसे ही रौनक आएगी

 

एंकर मेल-जी हाँ मित्रो, यह क्रम हमारे विद्यालय के ऐसे अलबेले फूलों के सम्मान का है जिन्होंने अपनी खुश्बू, अपनी प्रतिभा और अपनी रचनात्मकता से इस विद्यालय का नाम प्रदेश स्तर पर रौशन किया है। तो आइये हम गर्व से सम्मान करें हमारे ही बीच के चंद मेधावी विद्यार्थियों को।

मैं मंच पर सम्मान के लिए बुलाना चाहता हूँ 1………..,2………..,3………..,
4………….., 5………….,6………….आप सबसे अनुरोध है कि तुरंत मंच आ जायें जिससे यह गर्व का क्रम संपन्न हो सके।

 

एंकर फीमेल-मैं अपने मुख्य अतिथि जी से अनुरोध करुँगी कि वो 1………,2…….. को सम्मानित करें ।

मैं आज के कार्यक्रम अध्यक्ष जी से अनुरोध करती हूँ कि वो 3………..,4………..को सम्मानित करने की कृपा करें।

मैं आज के विशिष्ट अतिथि जी से अनुरोध करुँगी कि वो 5………..,6………..को समान्नित करने की कृपा करें।

 

एंकर मेल-बहुत बहुत धन्यवाद हमारे अतिथियों का। साथ ही अनन्त शुभकामनायें हमारे विद्यालय की प्रतिभाओं को।

कार्यक्रम के इस अंतिम पड़ाव में मैं अपने प्राचार्य महोदय गुरुवर श्री………….जी से अनुरोध करूँगा कि वो हमें चंद शब्द कहकर हमारा पथ प्रदर्शित करें एवं आभार प्रदर्शन की परंपरा का निर्वहन करें । जय हिंद।

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