मंच संचालन के 10 महत्वपूर्ण नियम-पार्ट 2 । Anchoring ke 10 important rules -part 2
यहाँ यह समझना नितांत आवश्यक है कि श्रोताओं के लिये script नाम की चिड़िया का कोई महत्व नहीं है। ना उन्हें यह पता होता है कि आपने क्या miss कर दिया या आपसे कहाँ चूक हो गई। आप किसी क्रम पर 2 ख़ास पंक्तियाँ कहना चाहते थे लेकिन आप भूल गये, यह बात सिर्फ आपको पता होती है। Audiences के लिए तो जो आप कह रहे हैं-जैसे आप कह रहे हैं वही आपकी तैयारी है और वही आपकी शैली है।
7-रचनात्मक शुरुआत करें:-
मंच संचालन में शुरूआती 10 मिनिट्स बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। यही वो कठिन पल होते हैं जहाँ प्रत्येक Anchor को nervousness होती है, तनाव होता है, पैरों में कंपन होता है या गला सूखता है। यही वो पल होते हैं जो निर्धारित करते हैं कि कार्यक्रम और कार्यक्रम संचालक का क्या स्तर है या क्या होने वाला है। इस को Anchoring की भाषा में Ice-breaking करना बोलते हैं।
रचनात्मक शुरुआत से अभिप्रायः किसी छंद, शेर, शायरी, पंक्तियाँ, चुट्कुला, कहानी, छोटी सच्ची घटना, किसी विशेष सयोंग जैसे आज का दिन बहुत ही खास है, आज की तारीख वो खास तारीख है जिस दिन हमारे अमर शहीद मंगल पांडे ने 1857 की क्रांति का विगुल बजाया था या आज के दिन हमारी संस्था के अध्यक्ष का जन्मदिन या सालगिरह है।
मैं ऐसी स्थिति के लिए छोटी सी तयशुदा script और चंद पंक्तियाँ तैयार रखता हूँ। जैसे कि-
(संस्था का नाम)….के द्वारा आयोजित इस………..कार्यक्रम की इस खुशनुमा शाम या महकती बेला में, मैं……. (आपका नाम) आप सबका हृदय से स्वागत करता हूँ-अभिनंदन करता हूँ। मित्रो, आज का यह कार्यक्रम बहुत ही ख़ास है। खास इसलिये क्योंकि उपलक्ष्य खास है, आयोजकों के इंतज़ामात ख़ास हैं, लेकिन सबसे ख़ास जो बात है वो है इतनी बढ़िया, ऊर्जा से भरी हुई, कला पारखी Audiences. अच्छे कार्यक्रम को अच्छे श्रोता मिल जायें फिर तो सोने पर सुहागा जैसी बात होती है।
और जब सब कुछ ख़ास है तो खुशियों की त्रिवेणी तो बहनी ही है। मैं चार पंक्तियाँ आप सब सुधिजन श्रोताओं को समर्पित करना चाहता हूँ-
कौन कहता है कि मुस्कराहटों के संजोग नहीं होते
दुनिया में आजकल मुहब्बतों के रोग नहीं होते
मासूम दिल नन्ही परियां प्यारे फ़रिश्ते सब तो हैं यहाँ पर
लगता हैं उन्होंने (शहर का नाम) शहर के लोग नहीं देखे।
एक बार जोरदार तालियाँ आप लोग अपने लिये बजा दीजिये।
इस प्रकार की छोटी सी लेकिन प्रभावी शुरुआत से आप श्रोताओं से connect हो जाते हो। मंच से connect हो जाते हो। rhythm बन जाती है। icebreak हो जाती है । start मिल जाता है।
केवल यही एक तरीका नहीं है। और भी कई तरीके हो सकते हैं-होते हैं। कहने का अभिप्राय है कि रचनात्मक start लें।
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8-प्रस्तुतियों के क्रम को सीढ़ी बनायें:-
अगर आपको steps chart (कार्यक्रम के क्रमों की सूची) मिल गया हो, जिसे कि aware आयोजक पहले से ही तैयार रखते हैं, तो आपका काम बहुत ही आसान हो जाता है। अगर नहीं उपलब्ध है तो भी आपको क्रम का चार्ट तो बनाना ही पड़ेगा (नियम 5)
आपको महज़ क्रम के विषय में भूमिका बनानी है, promot करना है। क्रम के विषय में भूमिका बनाने के लिए शायरी, छंद, कविता या वर्तमान समय के प्रासंगिक मुद्दे आदि का उपयोग करें।
बहुत उपयोगी जानकरी है अमितजी आशा है ऎसी उपयोगी जानकारी मिलती रहेगी।
बहुत बहुत धन्यवाद किशोर जी। आभार आपका। ऐसे ही हौसला अफ़ज़ाई करते रहें। शुभ रात्रि।
अमित जी आपकी इन पोस्ट की वजह से में मंच संचालन करना सीख रहा हु आप गुरु है मेरे आप का बहुत बहुत आभार
मैं बस आपका मित्र हूँ मनीष भाई। ऐसे ही मित्रता प्रगाढ़ बनाये रखें। आप जैसे मित्रों की प्रेरणादायक सराहना और ज्यादा बेहतर करने को प्रेरित करती है। आभार मनीष जी
AMIT BHAI NAMASKAR, KAVI SAMMELAN KE SANCHALAN KI SCRIPT BHI UPLOAD KARE.SUNIL BAJPAI
जी अवश्य। अगर कुछ कार्यक्रम की रूपरेखा बता सकें तो मदद मिल जायेगी मुझे। बहुत धन्यवाद
बहुत ही अच्छा है जो की hame सीखने की जानकारी दी सादर नमन
बहुत धन्यवाद रामनरेश जी। आभार
आपके सभी articles बहुत अच्छे हैं। बहुत अच्छा काम👍 कभी मंच संचालन के लिए शायरी की आवश्यकता होती है तो आपके articles से मिल जाती है। अत्यंत आभार💐
बहुत ही सारगर्भित जानकारी आपका बहुत आभार