बोर्ड परीक्षा में टॉप करने की 10 आसान तरकीबें – 10 tips and techniques to get top position in board exam
कितनी अनोखी बात है कि साल भर की पढ़ायी का नतीजा केवल 3 घंटे के पेपर देने से निकाला जाता है और उसी पेपर को देने का होमवर्क हम पहले से नहीं करते। और फिर अक्सर अफ़सोस करते हैं कि 10 मिनिट और मिल जाते तो पूरे क्वेश्चन attempt हो जाते।
पुराने सालों के Question papers की मदद से घड़ी देखकर पेपर देने का वैसे ही अभ्यास करें जैसे final exam दे रहे हों। ऐसा करते रहें और समय नोट करते रहें। आपको आश्चर्यजनक परिणाम दिखायी देंगें।
3) टॉपिक्स तकनीक आजमायें-
रटने और समझने में फर्क समझिये। टॉपिक को याद करें लेकिन उसके content को समझें, रटें नहीं। अगर आपको topic का concept clear हो जायेगा तो आप अपनी भाषा में उसका उत्तर लिख सकते हैं। याद रखें एक ही बात (topic) को कई तरह से लिखा जा सकता है या कहा जा सकता है लेकिन तभी, जब पता हो की बात (topic) क्या है।
4) फार्मूला तकनीक-
मैथ्स, फ़िजिक्स और केमिस्ट्री के question, फार्मूला तकनीक के साथ solve करें, answer sheet में उत्तर के साथ फार्मूला अवश्य लिखें। इसे आदत बनायें जिससे परीक्षा देते समय भी ये आदत बनी रहेगी। फॉर्मूले के साथ लिखे हुए questions की appearance बहुत ही प्रभावी होती है। एग्जामिनर भी पुरे marks देता है। और आपको भी फॉर्मूला याद बना रहता है जिससे आपको सदा जीत मिलती है।
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5) डायग्राम एवम चार्ट-
फ़िजिक्स, केमिस्ट्री एवम मैथ्स के डायग्राम, फार्मूले एवम इक्वेशन चार्ट आदि बनायें। अपनी स्टडी रूम में अपने eye lable पर उसे चिपकाएँ। रोज 10 मिनिट का फिक्स समय नियत करें जिसमे आप यह चार्ट अवश्य देखेंगे। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको सब पूर्णतः याद है फिर भी देखें। हमें याद नहीं करना है, हमें इसे subconscious mind में पहुँचाना है, और जब कोई चीज़ subconscious mind में बैठ जाती है तो सहज ही action में आ जाती है। हमारा काम चुटकी में होता है।
6) टॉपिक्स की फार्मूला तकनीक-
आप बड़े questions के micro topic के short code में फॉर्मूला बना सकते हैं। इसमें शुरुआत के टॉपिक का पहला अक्षर बीच का अक्षर और अंतिम अक्षर मिला कर एक कोड वर्ड बना लें और उसे याद रख लें। आप चाहें तो सारे micro topics के प्रथम अक्षरों को क्रमशः मिलाकर भी कोड बना सकते हैं।
7) एक short सिलेबस बना लें-
Students में घबड़ाहट होने का एक कारण यह है कि उनको पूरी तैयारी होने के बावजूद संदेह रहता है कि याद हुआ कि नहीं, कुछ रह तो नहीं गया आदि। इसका मुख्य कारण है सिलेबस content broad होना, जिससे हमें सारी चीज़ें एकदम से स्पष्ट नही हो पातीं।