जंक फूड पर एक सुन्दर कविता। Junk food par Kavita । जंक फूड पर कविता हिंदी में
जंक फूड दुश्मन है बच्चो,
सेहत नहीं ख़राब करो
गड़बड़ झाला झट पट भोजन,
बचपन ना बर्बाद करो।
कितने सारे स्वाद भरे,
व्यंजन बनते हैं भारत में
पुआ परांठे पूरण पूरी,
पपड़ी हर घर आँगन में।
चटक चटपटे सेव सिमेंय्या,
रसगुल्ले मन ललचायें
गुपचुप छुप छुप खूब उड़ायें,
दूध जलेबी भी खायें।
फ़ूड अटपटा बजन बढ़ाये,
चर्बी ना आबाद करो
गड़बड़ झाला झट पट भोजन,
बचपन ना बर्बाद करो।
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बर्गर पीज़ा चिप्स कुरकुरे,
केक पेस्ट्री पाव बड़ा
खाने में तो लगें टेस्टी,
पर करते नुकसान बड़ा।
ये अपना भोजन ना बच्चो,
ना ये भोजन शैली है
बजन बढ़ाने की बीमारी,
इससे ही तो फैली है।
अपना भोजन सबसे अच्छा,
भूल ना जाना याद रखो
गड़बड़ झाला झट पट भोजन,
बचपन ना बर्बाद करो।
ताज़े ताज़े फल नित खाओ,
सूखे मेवे रोज चखो
हरी सब्जियां हरी सलादें,
रोज समय पर भोजन लो।
जीवन स्वस्थ बनाओ बच्चो,
खुशियाँ बांटो जश्न करो
अच्छा खाओ बुद्धि बढ़ाओ,
चुटकी में हल प्रश्न करो।
जंक फूड को खाकर के तुम,
खुद पर ना आघात करो
गड़बड़ झाला झट पट भोजन,
बचपन ना बर्बाद करो।
its a good poem for kids.
it’s a good poem for kids.
धन्यवाद आपका तमन्ना जी। बहुत आभार
आप बहुत ही अच्छा कार्य कर रहें हैं ! मातृभाषा को जन -जन तक पहुँचाने की सेवा कर रहें हैं ! आपको हम सभी विद्यार्थी की ओर से बहुत बहुत धन्यवाद ! प्रणाम महासय महाशय! जय हिन्द !
बहुत बहुत धन्यवाद कुमार साहेब। बहुत ऊर्जा मिली