रोमांटिक शायरी ‘दिल तोड़ना’ । Romantik Shayri ‘Dil todna’

Buy Ebook
woman-face-portrait-hood-37834

बातो-बातों में मुँह मोड़ना आ गया 
हाथ मझधार में छोड़ना आ गया 
इससे ज्यादा मुझे और क्या सीखना 
प्यार में आज दिल तोड़ना आ गया 

इस शहर में नहीँ गाँव में ले चलो 
पंख ना खोलना पाँव में ले चलो 
तुम मेरी आँख में डूब जाना वहीँ 
आम के पेड़ की छाँव में ले चलो 

वक़्त के साथ हमको बदलना पड़ा 
गैर अपने हुये साथ चलना पड़ा 
तुम शमा बन गईं रोशनी के लिये 
प्यार में हम पतंगों को जलना पड़ा 

दर्द की भीड़ में इक हँसी के लिये 
एक अहसास दिल की खुशी के लिये 
तुम मुझे चाहतीं मैं तुझे चाहता 
बस बहुत था मेरी जिंदगी के लिये 

क्या सही क्या ग़लत मैं नहीँ जानता 
ऐसी बारीकियों को ना पहचानता 
अब तुम्हें जो समझना समझते रहो 
दिल तुम्हारे बिना अब नहीँ मानता 

दोस्त तुमने कहा है ना इंकार है 
दोस्ती पर नहीँ कोई तकरार है 
दोस्ती के तले प्यार की नींव है 
पहले भी था तुम्हें आज भी प्यार है 

तुम्हारा गाँव मुझे दो शहर बना दूँगा
ये बूँद लाओ मुझे दो लहर बना दूँगा
तुम्हारी नेमतें ये वहशतें मुझे दे दो
अभी मैं खौल रहा हूँ ज़हर बना दूँगा

Leave a Reply