November 9, 2016
कालाधन पर मोदी जी का 09/11 कविता । Black money banned in india poem


इक झटके में ठन ठन बाबा, हमको आज बना डाला
बहुत हो उत्पाती मोदी जी, हाय राम क्या कर डाला।
रह रह कांप रहा है सीना, प्राण हलक में आता है
छप्पन इंची छाती लेकर, ऐसे कोई डराता है।
ये कैसी है साफ़ सफाई, कैसा स्वच्छता का अभियान
गुड़ को गोबर बना दिया है, सत्यानाश किया सब काम।
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आप क्या जानो काला गोरा, धन तो धन ही कहलाता
दंद फंद करने पड़ते हैं, तब ये हरा बजन आता।
इक नंबर में झटपट चांदी, नहीं अमीरी आती है
ऐश का जीवन दो नंबर की, बड़ी कमाई लाती है।
सिक्के कौन जमा करता है, उनसे भला कहाँ होता
चिल्लर कर डाला है पल में, फूट फूट कर दिल रोता।
आसमान से गिर जाओ तो, तुम खजूर में लटकोगे
उड़ो हवा में अगर गिरे तो, कहीं तो जा कर अटकोगे।
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