अध्यक्षीय भाषण ड्राफ्ट/Adhykshiya Bhashan draft
हमारे संचालक द्वय………………….जी और……………………जी को बहुत बहुत धन्यवाद। मंचासीन गण मान्य विभूतियों को समर्पित इन चार पंक्तियों के साथ मै अपनी बात शुरु करना चाहूंगा कि. .
‘कहाँ हैं ऐसे लोग जो निस्पृह रण में जूझने जाते हैं
परहित में निजहेतु त्यागकर प्यार बाँटते जाते हैं
आशाओं के पुष्प पल्लवित होते इन्हीं मालियों से
आओ इनका स्वागत करके जीवन सफल बनाते हैं’
मंचासीन मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी
माननीय श्री ……………… जी,
अध्यक्ष वरिष्ठ समाजसेवी माननीय श्री………………… जी ,
वरिष्ठ समाजसेवी माननीय श्री……………….जी,
पिसनहारी ट्रस्ट कमेटी के प्रधानमंत्री माननीय श्री राकेश चौधरी जी,
अपर कलेक्टर माननीय श्री……………. जी,
बाहर से पधारे हुये सभी आगंतुक अतिथिगण , हमारी कार्यकारिणी एवम सभी सम्मानीय सदस्यगण. .
मैं आप सभी का सादर अभिवादन करता हूँ . .
आप सब की गरिमामयी उपस्थिति को प्रणाम करते हुये मै सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि हमारे शहर…………………..में , देश की सामाजिक एवम धार्मिक सरोकार रखने वाली प्रथम और अग्रणी संस्था………………….की प्रथम केबिनेट मीटिंग का होना निश्चित रुप से एक अभूतपूर्व घटना है.
किन्हीं पुनीत कार्यों को लेकर कोई सामाजिक एवम संस्थागत समूह जब वैचारिक मंत्रणा करता है तो स्वमेव ही वह स्थान पवित्र हो जाता है और वह मंत्रणा, एक मंथन के रुप परिवर्तित हो जाती है जिसमें अमृत निकलना तो तय होता है; और यह मंथन तो एक ऐसे तीर्थस्थल पर हो रहा है जो परम पूज्य गुरुदेव श्री विद्या सागर की तपोभूमि है, जहाँ की सकारात्मक ऊर्जा इस मंत्रणा को एक सुनिश्चत दिशा देने वाली है इसमे कोई आश्चर्य नहीँ- कोई संदेह नहीँ. .
मैं इस संस्था…………का अध्यक्ष होने के नाते बहुत ही प्रसन्नता महसूस कर रहा हूँ कि जिस तरह से अपनी प्रथम केबिनेट मीटिंग में राष्ट्रीय स्तर के वैचारिक चिंतन एवम मंथन करने के लिये, सम्पूर्ण देश में हमारे शहर का नामांकन, देश एवम शहर के विविध संस्थाओं के मध्य हमारी संस्था………… का चयन एवम हमारी संस्था के कुशल नेतृत्व एवम प्रबंधन क्षमता पर राष्ट्रीय संस्था का जो अतुल्य विश्वास को हमें प्राप्त हुआ है वह विश्वास हमें गर्वित होने का पर्याप्त कारण देता है.
बहुत अच्छी कवितायेँ और लेख है अनुकरणीय है आपको सैट सैट नमन |
ब्रजेन्द्र जी नमन आपकी सुंदर दृष्टि को। नमन आपके सुंदर ह्रदय को। नमन आपके सुंदर बोध को। बहुत बहुत आभार मित्र।
उड़ती बात मैंने आज ही देखी। बेहद अच्छा मंच है
अधिक लोग जाने और उपयोग में लें तो आपको भी ऊर्जा मिलेगी और आपके प्रयास को सार्थकता भी।
बहुत बहुत साधुवाद अजय साहेब। आप जैसे सुधीजनों के आशीर्वचनों से ही ऊर्जा मिलती है। आपकी मंगल कामनाओं के लिये आभार।
लाजवाब सरजी…
बहुत बहुत शुक्रिया मधुकर जी।
बहुत ही सरल तरीके के द्वारा आपने भाषण की सुरुआत करने का तरीका बताया है