स्वच्छ भारत अभियान पर एक बहुत ही शानदार कविता । Swachh Bharat Abhiyan poem

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स्वच्छ भारत अभियान पर कविता – मित्रों, आज से लगभग 4 बर्ष पहले यानि कि 2 अक्टूबर 2014 को राष्टपिता महात्मा गाँधी जी की 146वीं जयंती के अवसर पर हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। इस अभियान ने एक जनांदोलन का रूप लिया और पूरे देश की मानसिकता ही बदल दी। इस अभियान को आज 4 बर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। मैंने यह आर्टीकल स्वच्छ भारत अभियान पर कविता उड़ती बात पर 10 नवम्बर 2016 को प्रकाशित किया था।

उल्लेखनीय है कि आज 14 सितम्बर 2018 तक लगभग 22 महीनों में 31252 लोगों द्वारा इसे पढ़ा गया और कई आयोजनों में इस कविता के माध्यम से स्वच्छ भारत अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया गया। इस महा अभियान में मेरी रचना स्वच्छ भारत अभियान पर कविता की ऐसी प्रभावी भूमिका से मैं आनंदित हूँ।

कल से अर्थात 15 सितम्बर 2018 से 2 अक्टूबर 2018 तक भारत सरकार स्वच्छ भारत अभियान के सफल 4 बर्ष पूर्ण होने पर स्वच्छता ही सेवा 2018 अभियान आरंभ करने जा रही है। पूरे दो हफ़्ते तक स्वच्छता को प्रेरित करने वालीं गतिविधियाँ होंगीं और इस अभियान में उत्कृष्ट भूमिका निभाने वालों का सम्मान किया जायेगा। जिसका समापन 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जी की 150 वीं जयंती के दिन किया जायेगा। तो आयें और इस पुनीत कार्यक्रम स्वच्छता ही सेवा 2018 अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी करके एक सच्चे भारतीय होने का कर्त्तव्य निभायें – इसे एक जन आंदोलन बनायें।

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स्वच्छ भारत अभियान पर कविता

मतवालों की टोली निकली,
सुन्दर चमन बनाने को 
चम चम करता स्वच्छ दमकता,
अपना वतन बनाने को।

दिल के सच्चे साफ़ हैं हम,
ये दुनिया माने सदियों से 
चलो साथियो निकलें अब,
भारत को स्वच्छ बनाने को।

हमने देखे कई करीबी,
घोषित दिल के सच्चों को 
ज्ञानी ध्यानी महज़ कागज़ी,
देखा अच्छे अच्छों को।

बड़ी बड़ी बातें तो कर लीं,
छोटी बात भुला दी है 
किस प्रकार की अलमस्ती है,
ये कैसी आज़ादी है।

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कैसे इनको समझायें हम,
क्या रह गया बताने को 
चलो साथियो निकलें अब,
भारत को स्वच्छ बनाने को।

वेद हमारे कहते हैं,
कैसे तुम वैभव पाओगे 
ढेर गंदगी मचा रखी है,
कैसे शुचिता लाओगे।

अपने घर को दिवाली पर,
रंगों से सजवाते हो 
जिस धरती पर जन्म लिया है,
गंद वहीँ फैलाते हो।

सोच बदलने देश बदलने,
सोना इसे बनाने को 
चलो साथियो निकलें अब,
भारत को स्वच्छ बनाने को।

मोदी जी ने कमर कसी है,
उनकी तो तैयारी है 
राजा आज हो गए आंगे,
अब परजा की बारी है।

स्वस्थ स्वच्छ भारत करने,
पावन अभियान चलाया है 
हमें सिखाने स्वर्ग बनाने,
एक मसीहा आया है।

मातृभूमि को जन्नत करने,
मौलिक अलख जगाने को 
चलो साथियो निकलें अब,
भारत को स्वच्छ बनाने को।

स्वच्छ भारत अभियान पर कविता को ख़ूब शेयर करें। और अपनी प्रतिक्रिया से मुझे अवश्य अवगत करायें। धन्यवाद

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