श्री महावीर भगवान का मंगला चरन । Shri Mahaveer bhagwaan ka mangla charan

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श्री महावीर भगवान का मंगला चरणजिओ और जीने दो का अनुपम संदेश देने वाले भगवान महावीर स्वामी के अहिंसा परमोधर्मः एवम अपरिग्रहवाद के उपदेश स्वकल्याण के पथिकों के लिये अमोघ शक्ति की तरह हैं। आज के इस आर्टिकल श्री महावीर भगवान का मंगला चरन के द्वारा अपने परम ईश, देवाधिदेव 1008 श्री महावीर स्वामी से उनके जन्मोत्सव पर मैं प्रार्थना करता हूँ कि हे जगत नियंता, हमारी जिव्हा, हमारे दिल, हमारे आत्मा में ऎसे बस जाओ की हमें केवल और केवल आपकी ही अनुभूति हो, चिर आनंद की अनुभूति हो।

आज तिथि 29 मार्च दिन गुरुवार को महावीर स्वामी का 2613 वां जनमोत्स्व है एवम अखिल विश्व में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। जैन आम्नाय की भाषा में इसे महावीर जयंती , श्री महावीर स्वामी जयंती, श्री महावीर भगवान का जन्म कल्याणक महोत्सव भी कहा जाता है। आप सभी पाठकों को उड़ती बात की ओर से मैं अमित जैन ‘मौलिक’ ह्र्दयतल से ये शुभ कामना प्रेषित करना चाहता हूँ कि दयालु भगवान वर्धमान हर किसी मनोकामना पूर्ण करें। 

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श्री महावीर भगवान का मंगला चरन

जय वर्धमान महा जिनेश्वर, हमको सन्मति दान दो
प्रभु आज रसना में बसो, महावीर हो महादान दो।

रहे शंक ना भय रंच ना, कोई पंक ना मम उर बसे
कोई द्वन्द ना कोई दम्भ ना, तेरी वंदना अधरन सजे
सब शूल फूल बना दो भगवन, अधर जिनपद गान दो।

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कोई गाँठ ना हो पाप की, संताप की क़ुछ यूँ करो
बहे लहर तेरे प्रताप की, बस आप की कुछ यूँ करो
तव वरद हस्त उठा दो भगवन, सुख मई संसार हो।

विश्वेश हों श्री जिनेश हों, कुछ शेष हृदय रहे नहीं
अंतःकरण श्री विशेष हों, क़ुछ लेश मात्र बसे नहीं
अविचल बनूं तुझमें बसूं, तुमसा बनूँ प्रभु राह दो।

हम हीन हैं हम दीन हैं, तुम्हें दीनवन्धु कहें प्रभु
मनोबल हमारे क्षीण हैं, गुण गान कैसे करें प्रभु
‘मौलिक’ सरल कर दो सबल, हर स्वांस में नवकार दो।

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