श्रमिक दिवस पर कविता – मजदूर दिवस पर कविता, लेबर डे पोएम, मई दिवस पर कविता, Sharamik divas par kavita in hindi, majdur divas par kavita in hindi
श्रमिक दिवस पर कविता – कई पाठकों के पत्र आये की मजदूर दिवस पर एक कविता अथवा श्रमिक दिवस पर कविता लिखूँ। क्योंकि कल 1 मई को श्रमिक दिवस है। यह आर्टीकल श्रमिक दिवस पर कविता मैं उन्हीं के आदेश पर प्रस्तुत कर रहा हूँ। श्रमिक दिवस को लेबर डे या मई दिवस भी कहा जाता है। और यह अंतरष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। खेद होता है कि लोग श्रमिक दिवस की संकीर्ण दृष्टि से व्याख्या करते हैं और इसे केवल गेंती फावड़ा कुदाल चलाने वाले या कारखानों या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कार्य करने मजदूरों तक ही सीमित कर देते हैं।
दरअसल प्रत्येक वह व्यक्ति जो कि किसी ना किसी को अपनी सेवा या श्रम किसी मूल्य के बदले प्रदान करता है वह स्वमेव ही श्रमिक की श्रेणी में आता है। चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो चाहे मेहनतकश मजदूर, सिपाही हो या अधिकारी। चलिये ख़ैर यदि आप मजदूर दिवस पर कविता , श्रमिक दिवस पर कविता , लेबर डे पर कविता या मई दिवस पर कविता ढूंढ रहे हैं तो यह आर्टीकल आपके काम का है। आशा करता हूँ कि रचनायें आपको पसंद आयेंगीं।
श्रमिक दिवस पर कविता -1
किसने कहा
कि मज़दूर होना बुरा है
अरे भई इसमें क्या बुरा है
हर कोई तो
मज़दूरी कर रहा
किसी ना किसी के लिये
कोई सरकार के लिये
कोई परिवार के लिये
कोई प्यार के लिये
कोई दुलार के लिये
कोई सेठ के लिये
कोई पेट के लिये
कोई बच्चों के लिये
कोई अच्छों के लिये
कोई सपनों के लिये
कोई अपनों के लिये
बुरा नहीं है
हो भी नहीं सकता
मज़दूरी तो श्रम है
या फिर कहो कि परिश्रम है
कृष्ण की माने तो कर्म है
फिर स्वीकारने में कैसी शरम है
सारा जगत ही कर्म प्रधान है
यही ईश्वर का एकमात्र विधान है
हे ईश्वर आपसे यही प्रार्थना है
हे मेरे आराध्य दया बनाये रखना
हमें कभी हाथ ना फैलाना पड़े
हमें सदा श्रमसाध्य बनाये रखना।
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श्रमिक दिवस पर कविता -2
श्रमिक दिवस मेरी दृष्टि में
वह दिन है जिस दिन
अभिनंदन किया जाता है
जिस दिन वंदन किया जाता है
उस प्रत्येक कर्मशील व्यक्ति के
अमूल्य श्रम का जो कि
वह करता है,
अपने परिवार के निर्वाह के लिये
उनकी ज़रूरतों की परवाह के लिये
अपने परिवार की सामाजिक
प्रतिष्ठा परिवर्तित करने को
बच्चों का भविष्य निर्मित करने को
अर्थ और व्यापक करें तो
अभिनंदन होता है
हर एक उस व्यक्ति का
जो देश के लिये अनुसंधान करता है
अस्त्र शस्त्रों का निर्माण करता है
सरहदों पर पहरा देता है
जीत का ध्वज लहरा देता है
देश के लिये योजना बनाता है
उसे अमलीजामा पहनाता है
अपराधों पर नियंत्रण रखता है
देश की अधोसंरचना का
जो सतत रूपांतरण करता है
श्रम में ही शक्ति है
परिश्रम ही ईशभक्ति है
यह तो दिन होता है
ईश्वर के सच्चे भक्तों का
यह तो दिन होता है
ईश्वर के प्यारे बच्चों का।
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Regards Kamal Kaushal Chandigarh