मंच संचालन करने के 10 महत्वपूर्ण नियम। Manch Sanchalan karne ke 10 mahatwapurn niyam

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सबसे पहले तो मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि मंच संचालन करना बिल्कुल भी कठिन काम नहीं है। मेरे अनुसार इसमें एक ही सिद्धान्त काम करता है कि ‘अगर आप बातचीत कर सकते हैं तो आप मंच संचालन भी कर सकते हैं।’

जी हाँ, मंच संचालन उतना ही सरल है जितना की बातचीत करना। हाँ,
शुरुआत में अनुभव के अभाव में परेशानी हो सकती है-होती भी है, लेकिन एक बार आपको स्वयं पर विश्वास आना शुरू हुआ तो फिर ये आसान होता चला जाता है।

मंच संचालन में चेतन मस्तिष्क (conscious mind) की कम और अवचेतन मस्तिष्क (sab-sconscious mind) की अधिक आवश्यकता पड़ती है। उदाहरण के लिए अगर आपको याद होगा तो जब आपने किसी कार या अन्य वाहन को चलाना सीखना आरम्भ किया था तो आपको ये दुःसाध्य कार्य लगा होगा । लेकिन आज आप फोन पर बात करते-करते भी कार चला लेते हैं ।

आज किसी भी तरह का वाहन चलाना आपको चुटकी बजाने जैसा काम लगता होगा। ऐसा इसलिए संभव हुआ क्योंकि आपका अवचेतन मस्तिष्क प्रशिक्षित हो गया। आपके अवचेतन मस्तिष्क की programming हो गई। आपकी प्रस्तुती में वही निकलता है जो मस्तिष्क में भरा हुआ है, इसलिए अच्छी चीज़ें सदा पढ़ते रहें। यह भी प्रोग्रामिंग और प्रशिक्षण का एक हिस्सा है।

इसका सीधा सा तात्पर्य यह है कि किसी भी नये काम में दक्षता हो जाने का मतलब है आप प्रशिक्षित हो गये हैं। यह प्रशिक्षण अनुभव जन्य भी हो सकता है, जिसमे तात्कालिक सफलता-असफलता, समस्याएं , आकस्मिक व्यवधान उनसे आपका जूझना, आशातीत प्रतिसाद, निर्णय लेना और निष्कर्ष से सीख लेना भी शामिल होता है। 

मंच संचालन की दो परिस्तिथियाँ होती हैं-

A) पूर्व नियोजित संचालन
B) तात्कालिक संचालन 

मैं आज आपको किसी भी तरह के पूर्व नियोजित मंचीय सांस्कृतिक कार्यक्रम की Anchoring/संचालन करने के tips एवम नियम बताऊंगा जो कि किताबी नहीं मेरे अनुभव जन्य हैं। आशा है कि यह आपके लिए उपयोगी साबित होंगें।

। मंच संचालन करने के 10 नियम । 

1-आपका परिधान (dress) व्यवस्थित और कार्यक्रम के अनुरूप होनी चाहिए-

ये प्रथम नियम है जो की पहले स्थान पर इसलिये है क्योंकि यह अनिवार्य है।
एक अच्छी dress attire होने से आप विशिष्ट तो लगते ही हैं , विशिष्ट महसूस भी करते हैं। यह मानवीय स्वभाव है कि जिस दिन हम अच्छा पहनते हैं उस दिन हम विश्वाश से भरे होते हैं। दोनों बातों का अपना महत्व है। एक अच्छे प्रस्तोता को सज़्ज़न, शालीन और आकर्षक दिखना ही चाहिए।

किसी भी कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत करने के लिए सर्वप्रथम प्रस्तोता (Anchor) ही मंच पर आता है और प्रस्तोता की परिधान से दर्शक प्राथमिक रूप से कार्यक्रम के स्तर का अंदाज़ा लगाते हैं। एक एंकर ही वो विशिष्ट व्यक्ति होता है जिस पर श्रोताओं की आदि से लेकर अंत तक दृष्टि बनी रहती है।

साथ ही एक एंकर को देशकाल परिस्थिति का भी ध्यान रखना चाहिए। अगर आप राजस्थान में हैं तो राजस्थानी वेशभूषा और पगड़ी आप को श्रोताओं से कनेक्ट करेगी। अगर आप किसी संवेदनशील एवम गंभीर विषय को लेकर आयोजित कार्यक्रम को कर रहे हैं तो आपको ज्यादा तड़क-भड़क के कपड़ों के उपयोग से बचना होगा। 

2-कुछ दिनों पहले ही कार्यक्रम की पूर्ण जानकारी ले लें:-

कार्यक्रम का स्वरुप, उपलक्ष्य, स्थान, विषय, प्रस्तुतियों की संख्या, प्रस्तुतियों के क्रम, अतिथियों के बारे में जानकारी (संभव हो तो उनके biodata अवश्य लें)
अतिथि स्वागत चरण एवम कार्यक्रम का total समय आदि की final जानकारी आयोजकों से 4-6 दिन पहले ही ले लें। साथ ही उन्हें आगाह करें कि अगर कोई बदलाव हो तो कार्यक्रम होने के 2 दिन पूर्व अवश्य बता दें।

अगर रंगारंग प्रस्तुतियों का अभ्यास चल रहा हो तो समय निकाल कर 3-4 बार उसमें ज़रूर जाएँ जिससे आपको कार्यक्रम के स्तर का पता चलेगा। प्रस्तुतियों एवं प्रतिभागियो के बारे कहने के लिए सामग्री तैयार करने में भी आसानी होगी। किस प्रस्तुती और प्रतिभागी के बारे में कब और क्या कहना है इसकी भी तैयारी करना सरल हो जायेगा। 

3-प्रस्तुतियों के क्रम बनायें एवम प्रत्येक क्रम का समय नियत करें:-

कुछ दिन पहले ही आयोजकों के साथ बैठकर कार्यक्रम के संपूर्ण समय (कार्यक्रम कितने घंटे का होगा) के अनुसार सभी प्रस्तुतियों की क्रम सूची बनालें एवम उनकी सहमति से प्रत्येक क्रम को कितने मिनिट दिए जायेंगे यह सुनिश्चित करलें। नीचे दिये गए प्रारूप में इसकी एक क्रम सूची बना लें ।

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4-अतिथि स्वागत का ब्यौरा सुनिश्चित करें:- 

                       अतिथि क्रम    –    विवरण  –    स्वागत कर्ता

विशिष्ट अतिथि     – माननीय………..-श्री ……….

कार्यक्रम अध्यक्ष   – माननीय……..   -श्री ……….

मुख्य अतिथि      – माननीय………   -श्री ……….

किस अतिथि का स्वागत क्रम क्या होगा और उस अतिथि का स्वागत कौन करेगा इसकी क्रम सूची आयोजकों से चर्चा करके पहले से ऊपर दिए गए प्रारूप अनुसार बना लें। कई बार अनपेक्षित रूप से किसी अन्य किसी ख़ास अतिथि की उपस्थिति की सूचना की पर्ची आपके पास आती है तो आप मंच के नीचे से ही अध्यक्ष या सचिव को उस अतिथि का माल्यापर्ण करके स्वागत करने के लिए कह सकते हैं ऐसे कुछ आपके स्वनिर्णयों से आपकी धाक जमेगी। 

5 –एक स्क्रिप्ट लिखें और उसकी कॉपी बना लें:-

हम यह मानकर चल रहे हैं कि आप प्रथम बार मंच संचालन कर रहे हैं इसलिए हमारा सुझाव है कि आप शब्द दर शब्द संचालन की एक स्क्रिप्ट तैयार करें और उसके प्रिंट लेकर 2 सेट बना लें। साथ ही प्रस्तुति क्रम (3 no.) एवम स्वागत क्रम (4 no.) के 7-8 सेट बना लें।

इतने सेट इसलिए की 2 सेट तो आप अपने पास रखें और बाकी के सेट आयोजकों को दे दें जिससे वो कुछ अपने पास रख कर पूरे क्रमों के बारे में एवम उनकी भूमिका के बारे में अवगत रहेंगे साथ ही उनसे कहें कि सभी अतिथियों को एक-एक प्रति दे दें जिससे अतिथि अपने भाषण क्रम को याद रखेंगे साथ ही उनके उद्घोषणा के निर्धारित मिनिट्स भी याद रखेंगे।

आंगें पढ़ने के लिये पेज 2 पर जायें-

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