बरसाने के दोहे। Barsaane ke dohe, राधा कृष्ण के विरह पर शायरी, राधा कृष्ण के विरह पर दोहे, कृष्ण वियोग पर कविता
बरसाने के दोहे। – आप सबने श्रीराधा कृष्ण के ऊपर कवितायें तो बहुत पढ़ीं होंगीं। लेकिन यह कविता बरसाने के दोहे। उनके द्वारा बरसाने में रचीं गईं अलौकिक लीलाओं में से एक श्रीराधे का श्रीकृष्ण से विछोह है। इस विछोह और इसकी विरह वेदना का असर बरसाने के गोप गोपीयों, वहाँ के निवासियों तक ही सीमित नहीं था वरन प्रकृति के सारे घटक, सारे अवयव श्रीकृष्ण के विछोह में निस्तेज हो गये थे। जमुना ने उमड़ना छोड़ दिया था, कदंब के के पेड़ ने थिरकना छोड़ दिया था, फूलों ने महकना छोड़ दिया था और चिड़ियों ने चहकना छोड़ दिया था। बरसाने के दोहे। में आपको देखने को मिलेगा की किस तरह इस अलौकिक जोड़ी के अलगाव में प्रकृति उदासीन हो जाती है। आशा है कि यह आर्टीकल आपको अलौकिक प्रेम के आभास में तरबतर करेगा।
बरसाने के दोहे।
तृण पण कण में नाद सा, महक उठे नवनीत
पुलकित सुन जीवन हुआ, बरसाने के गीत।
धड़कन धड़कन राधिका, नस नस उड़ती प्रीत
बरसाने में गूंजता, मुरली का संगीत।
हृदय व्यथा अब कथा सी, बन फैली चहुँ ओर
कुंज ठिठोली कर रहे, कहाँ हैं नवल किशोर।
नैन खुले तो आप हो, नैन मुंदे तो आप
डबडब करती कोर में, नीर भरा आलाप।
◆ये भी पढ़ें-श्री कृष्ण पर मोहक कविता
काजल असुवन तरबतर, रोली में मिल जाय
हरकारी सी हिचकियाँ, स्वांस स्वांस में आय।
राधा तो है जोगनी, मत करियो परवाह
वृंदावन का बिलखना, कान्हा सहा ना जाय।
सूरज बिन बेअर्थ है, नभ ना होय उजास
कान्हा बिन नीरव हुआ, बरसाने का रास।
ये भी पढ़ें – रोमांस से भरी एक मीठी सी कविता
कुंज कुंज में पीर है, बेकल हुई समीर
पर्वत जैसी वेदना, हृदय देत है चीर।
राधा राधा कर रही, पूछ पूछ बेहाल
बंसी बिन बेनूर है, अब कदम्ब की डाल।
सूरज बैरी हो गया, दोष मुझे मड़ जाय
धूप हुई है तारसा, जमुना सूखी जाय।
चाँद भगोड़ा हो गया, नित्य अमावस रात
नूर गया रौनक गई, बेदर्दी के साथ।
पल पल राह निहारती, जमुना हुई अधीर
अंजुलि में भरने प्रभु, कब आओगे तीर।
अनहद गूंज की लालसा, रास आस आकंठ
तक तक थकतीं गोपियाँ, रुंधे रुंधे से कंठ।
सूने सब श्रृंगार हैं, विंदिया चूड़ी केश
रसवंती में रस नहीं, पुंज सुवास ना शेष।
मुरलीधर भाये सबै, मौलिक मोहक रूप
मोहन ही बन आइयो, हम ना चाहें भूप।
यह आर्टीकल बरसाने के दोहे। आपको कैसा लगा, कमेंट करके अवश्य बतायें।
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Amit Jain 'Maulik'
मैं एक कवि, लेखक एवम एंकर हूँ । 'उड़ती बात' के माध्यम से मैंने स्वरचित रचनायें आपके समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। आपसे विनम्र अनुरोध है कि अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया एवम सुझाव अवश्य दें जिससे हम जैसे नव रचनाकारों का मनोबल बढ़े एवम उड़ती बात के स्तर में गुणात्मक अभिबृद्धि हो..
Boht ….shaandar….Krishna se to pyar ho gaya h …Thank you sir …..For this precious…Arts
आपका बहुत बहुत धन्यवाद आभार मित्रवर। और प्यार तो आपके ह्रदय में अतुलित होगा ही । क्योंकि आप का नाम ही माधव है।
Bahut bahut sundar kya kahoon kuch kehne ke liye sabd kam hai. 🙏🙏🙏👏👏👏👏🙂
बहोत बहोत धन्यवाद महोदय, कृपया ऐसी ही रचनाओं से प्रेम बान्टते रहें 🙏
अतिसुन्दर….!
श्री कृष्ण भक्ति व प्रेम के भाव वास्तव में अद्वितीय है।
बहुत साधुवाद🙏
Sir aapne to aese likha hai,, k padte padte lg rha hai jaesey sab kuch pratyaksh ghatit ho rha hai❤🙏🙏
❤❤