ताली शायरी । तालियों वाली शायरी । Taali par shayri । taaliyon waali shayri
ताली शायरी पार्ट 1 – उड़ती बात के सभी प्रशसंकों को अमित मौलिक का स्नेहिल अभिवादन। दोस्तों, मंच और ताली एक दूसरे के पूरक हैं। किसी भी मंचीय प्रस्तुति की सफलता का एक ही पैमाना होता है और वह है तालियाँ बजना। हालांकि कई बार अच्छी प्रस्तुति पर भी कमजोर तालियाँ आती हैं। ऐसा इसलिए होता है कि दर्शक अथवा श्रोता कार्यक्रम से पूर्णतः जुड़ नहीं पाया होता है। ऐसी स्थिति में एक सफल प्रस्तोता की दक्षता तब सिद्ध होती है जब अपनी चुटीली बातों, पंचों और शायरियों से वह ऑडिएंस से तालियां बजवा लेता है। ऐसे ही दर्शकों को कार्यक्रम से जोड़ने के लिये और भरपूर तालियाँ बजवाने के लिये यह आर्टीकल ताली शायरी पार्ट 1 आप सबके समक्ष प्रस्तुत है। आशा करता हूँ कि ताली शायरी पार्ट 1 आप सबको पसंद आएंगी।
ताली शायरी पार्ट 1
उदास चेहरों पर भी, रूहानी नूर आ जाता है
ताली बजतीं रहें, तो जोश भरपूर आ जाता है
इन कलाकारों का हौसला, बढ़ाते रहें बजाते रहें
तालियों से तो महफ़िल में भी, सुरूर आ जाता है।
हमें इन तन्हाई की बातों से, क्या लेना देना
हमें तो महफ़िलों से ही, फुरसत नहीं मिलती
हम तो आपकी तालियों में ही, मदहोश रहते हैं
हमें ग़मगीन होने की भी, मोहलत नहीं मिलती।
आओ आज फिर रूहानी, सफर पर चलते हैं
आओ आज फिर ख्वाबों की, दुनिया में खो जायें
हम शहद सी लज़्ज़त में, डुबो देंगे आज आपको
पर शर्त ये है कि एक बार, ज़ोरदार तालियाँ हो जायें।
बहारों को याद कर लो, आज झरोखों को सजा दो
दिल में छिपे रेशमी, एहसास को यादों की हवा दो
आपको अपनी मुहब्बत की, कसम है मेरे दोस्तों
आज के कलाकारों के लिये, जोरदार तालियां बजा दो।
मिश्री सी तानें छिड़ेंगीं, घुंघरुओं की झनक गूंजेगी
रंगों का कारवाँ निकलेगा, रेशमी खनक गूंजेगी
आपकी तालियों का साथ मिले, तो गीत पारस हो जायें
फिर तो लफ्ज़ परवाज़ करेंगे, और धुनें फलक छूलेंगी।
दिलों के गुलिशतां में, धड़कनों की ज़िंदगानी लिख दो
स्वांस स्वांस में ज़ज़्बातों से, तरबतर कहानी लिख दो
हम वादा करते हैं आज की, शाम को खूबसुरत बनाने का
बस आप सब तालियों की, गड़गड़ाती रवानी लिख दो।
ख़ुदा के नीले आस्मां से, नूर का सैलाब लाना है
संगीत इक इबादत है, आपको सज़दे में लाना है
आरजू है कि ख्वाहिशों की शिरकत, ज्यादा से ज्यादा हो
आप से हर बार तालियाँ बजवाना तो, केवल एक बहाना है।
आपको यह आर्टीकल ताली शायरी पार्ट 1 कैसा लगा प्रतिक्रिया अवश्य दें। धन्यवाद
Very very nice line
सराहना के लिय आपका बहुत-बहुत धन्यवाद रमेश जी । बहुत-बहुत आभार ।
बहुत सुन्दर सर …..लाजवाब ..
“सोचते हैं,आपको कुछ दें, पर क्या दें,
अपनी इस मोहब्बत का जवाब क्या दे,
सुना है, सबसे अच्छा तोहफा गुलाब होता है,
जो खुद गुलाब हो उसे गुलाब क्या दें!!”
बहुत खूब सिंघ साब, अतीव सुन्दर । क्या खूब मोहक पंक्तियाँ भेंट की हैं। आप अगर लिखते हैं तो बहुत उत्कृष्ट लिखते हैं । सराहना के लिए विनम्र आभार। रचनात्मकता ऐसी ही विरल प्रतिक्रियाओं से अदम्यता को प्राप्त होती है। बहुत शुक्रिया। उड़ती बात के साथ बने रहें। शुभ रात्रि।
बहुत शानदार शायरी है….अमित जी
मंच संचालन के लिए और कुछ हो,तो पोस्ट कीजियेगा
बहुत बहुत धन्यवाद प्रदीप जी। बहुत आभार। जी अवश्य। जल्द ही। शुभ संध्या।
Very nice sir
बहुत-बहुत शुक्रिया वैशाली जी। आभार आपका ।
Apne likha to shabd bane phool se,
Humne uthaya apke shabdo ko bane phool se
बहुत बहुत धन्यवाद मीरा जी इतनी मधुरतम सराहना के। आप कवियत्रीं भी हैं। वाह। ऐसे ही उत्साह बढ़ाते रहें।
Very nice
शुक्रिया दिनेश जी
very nice all these sayri
बहुत बहुत धन्यवाद आभार आपका माझी जी
अद्भुत , अद्वितीय , आपके अंदाज ए अल्फाज को दिल से सलाम
बहुत बहुत शुक्रिया आभार मुकेश जी।
Amit Ji hats off to you
बहुत बहुत धन्यवाद दीपक भाई।। आभार
मजा आ गया !!!
बहुत वहुत धन्यवाद अजय जी। आभार
बहुत ही सुंदर पहल की है सर आपने
बहुत बहुत धन्यवाद तेजपाल जी। आभार
sir bhut he ache sayri hai
best of luck sir
बहुत बहुत शुक्रिया बैरागी जी। आभार आपका
Hii sir aap bohot hi jabardast sry likhte ho audience me galiyo ki kami nahi hui maza aa gaya
Mera ws 8427191036
दोस्त धन्यवाद किंतु मैं गालियां मिले ऐसा तो नहीं लिखता। शायद आप तालियां कहना चाह रहे होंगें। धन्यवाद
Amit ji Aapke liye
Ki..Bhagwan ka Diya kabhi Alp nahi hota,
Jo bich me toot jaye wo Sankalp nahi hota ,
Haar Ko lakshya se dur rakhna Amit ji ,
Kyo ki Jeet ka koi vikalp nahi hota .
वाह वाह वाह गोविंद जी। बहुत सुंदर रचते हैं। दिल से आभार। शुभेक्षायें
तारीफों के अल्फाज नहीं मेरे पास,
बस शुक्रिया कह दूं कैसे आपके पास !
मेहरबानियां का यह कारवां चलाते रहिएगा,
हमारी दुआएं रहेंगी सदैव आपके दिल के आसपास..!!