रोमांटिक गजलें – दिल में गुलकंद घोलती 3 दिलकश ग़ज़लें, लव ग़ज़ल
रोमांटिक गजलें – दोस्तों, आप सबके सामने पेश है अलग-अलग मिज़ाज़ की 3 खूबसूरत ग़ज़लें। काफ़ी वक़्त के बाद मैंने गजलें लिखीं हैं। रोमांटिक गजलें लिखने के लिये एक अलग ही मिज़ाज की ज़रूरत होती है। मेरे लिये यह इतना आसान कभी नहीं रहा। कभी किसी की बेहतरीन ग़ज़ल पढ़ने-सुनने में आ जाती है तो मूड बन जाता है। यह आर्टीकल रोमांटिक गजलें कैसा रहा यह तो आप सब ही फ़ैसला करके बतायेंगे। आदेश होगा तो कुछ और रोमांटिक गजलें आप सबके समक्ष प्रस्तुत करूँगा।
रोमांटिक गजलें
प्यार उनसे हो गया
धीरे-धीरे से मिलन, यूँ मन का मन से हो गया
कुछ पता ना कुछ ख़बर, कब प्यार उनसे हो गया।
पैर ही पड़ते नहीं, मेरे ज़मीं पर आजकल
जबसे तुम मेरे हुये हो, कुछ कसम से हो गया।
लोग लेते हैं मज़ा, तेरा नाम ले-लेकर बहुत
प्यार में मेरा गुलाबी, रंग जबसे हो गया।
चाँद रौशन नूर से, ली चाँदनी ने शोखियाँ
हर तरफ़ गुलज़ार आलम, गुलबदन से हो गया।
जैसे कि गुलकंद से, भरने लगा मेरा बदन
क्या अचानक से मुझे, उसकी छुवन से हो गया।
मुझको क्या मालूम था, इक दीद को तरसाओगे
क्या ख़बर थी इश्क़ मुझको, बेरहम से हो गया।
आ गया मुझको यकीं, है ख़ूबसूरत ज़िंदगी
जबसे मुझको प्यार मौलिक, उस सनम से हो गया।
रोमांटिक गजलें
दिल जब तलक लगाया नहीं
गर मुश्किलों में आया नहीं, काम का नहीं
दिल जब तलक लगाया नहीं, काम का नहीं।
बेशक किये हैं सज़दे, इबादत कि वो मिले
गर हाल ऐ दिल बताया नहीं, काम का नहीं।
दुनियां बड़ी फ़रोश है, बेहतर है नज़रिया
ख़ुद से अगर मिलाया नहीं, काम का नहीं।
ज़ालिम ज़लील अख्ज़ के, आतंक में जिये
सर को अगर उठाया नहीं, काम का नहीं।
उसकी ही चल रही है, हुक़ूमत निज़ाम में
अपनों के काम आया नहीं, काम का नहीं।
रोमांटिक गजलें
आँख मलते जाइये
कौन सुनता है किसी की, फ़िर भी कहते जाइये
आप तो दरिया हैं साहेब, खुलके बहते जाइये।
हम हमारी हैसियत को, जान कर के चुप रहे
आप से किसने कहा था, आप सहते जाइये।
आपकी नेतागिरी का, फ़लसफ़ा बेहतर लगा
सर झुका कर आइये, फिर सर पे चढ़ते जाइये।
क्या हुआ जो धूप के, आग़ोश में कल चाँद था
आप क्यों ऐसे ख़फ़ा हैं, आप जलते जाइये।
इस तरह नज़रें इनायत, अब न होगी ठहरिये
करनी होगी ताबेदारी, रोज़ करते जाइये।
रतजगा का शौक है, मौलिक ग़ज़ल तो बन गई
सहर से अब शाम यूँ ही, आँख मलते जाइये।
आपको यह आर्टीकल रोमांटिक गजलें कैसा लगा अपनी कीमती राय देना न भूलें। शुक्रिया
वाहहह… वाह्हह… और बस वाहहह… कविवर…
बेहद ख़ूबसूरत दिलक़श गज़ल…काफी समय बाद …मन भा गयी..।👌👌👌👌👏👏👏
बधाई..इस सुंदर जानदार सृजन के लिए।
इस पर बने वीडियो का इंतजार है।
शुभच्छायें स्वीकारेंं….लिखते रहे अनवरत।
बहुत बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीया श्वेता जी। आपकी हौसलाअफजाई मेरे लिये महत्व रखती है। दिल से आभार।
Main apki ghazlon ko awaz dena chahta hun. Koi apatti to nahi
आप पहले मुझे अपना परिचय दीजिये। रुचि लेने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद