बाल दिवस पर कविता-बाल दिवस पर एक शानदार कविता Children’s Day Poem
बाल दिवस पर कविता – उड़ती बात के सभी पाठकों को स्नेहिल अभिवादन। दोस्तों कहते हैं कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं। और यह भी कहा जाता है कि बच्चे ही किसी भी देश का स्वर्णिम भविष्य होते हैं। हमारे देश में प्रतिबर्ष 14 नवम्बर को बाल दिवस जिसे आजकल की आम भाषा में चिल्ड्रन्स डे ( Children’s Day ) भी कहा जाता है, मनाया जाता है। इस आर्टीकल बाल दिवस पर कविता , चिल्ड्रन्स डे पर कविता या चिल्ड्रन्स डे पोएम इन हिंदी के द्वारा बाल दिवस पर एक बेस्ट कविता आप सबके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ जिसमें बाल दिवस का महत्व और इतिहास ख़ूबसूरत तरीक़े से समझाया गया है। आशा करता हूँ कि यह बाल दिवस पर कविता आप सबको पसंद आयेगी।
बाल दिवस पर कविता
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता।
ये तो तुम सबने सुना ही होगा
दुनिया राम चलाते हैं
बैकुंठ छोड़कर बच्चे बन
भगवान धरा पर आते हैं
जिनको छल कपट नहीं आते
भगवान वहीँ रम जाते हैं
इसलिये तो बच्चे दुनिया में
भगवान का रूप कहाते हैं।
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता..
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गर महल बनाना हो ऊँचा
तो नीवें ठोस अटूट रखो
भारत को पंख लगाना है
तो बच्चों को मजबूत करो
उनके सपनों को पलने दो
ये फूल चमन में खिलने दो
तब रितु बसंती आयेगी
भारत के भाग्य जगायेगी।
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता..
प्यारे बच्चों तुम ख़ूब पढ़ो
खेलो कूदो इक नाम करो
इस वतन को श्रेष्ठ बनाना है
निर्मित होकर निर्माण करो
निष्ठा हो भारत माता से
भारत से भाग्य विधाता से
इस देश को स्वर्ग बनाना है
सच्चाई से तुम काम करो
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता..
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थी बड़ी सोच मौलिक सपने
बच्चों के प्यारे चाचा के
जिनको नेहरू जी कहते हैं
भारत के वीर जवाहर के
नेहरू चाचा का जन्मदिवस
इसलिये तो देश मनाता है
यह तिथि नवंबर चौदह का
दिन बाल दिवस कहलाता है।
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता..
{धुन-मेरे देश की धरती सोना उगले-उगले हीरे मोती}
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yousufpur lalganj vaishali
बहुत सुन्दर।
बहुत बहुत आभार ढेर धन्यवाद आदरणीय सुशील सर।
बहुत प्यारी कविता अमित जी….फूल सी कोमल,बच्चों सी मासूम??
बहुत बहुत आभार श्वेता जी। ह्रदय से धन्यवाद आपका
Very nice poem
Sundar likha hai apne.
आपका ह्रदय से अतुल्य धन्यवाद अभिलाषा जी। उड़ती बात पर आपका बहुत बहुत स्वागत है। अतुल्य आभार
अच्छी रचनाएँ बाल दिवस पे … मन भावन …
मनभावन तो आपके आशीर्वचन होते हैं आपकी प्रतिक्रिया होती है। आपका दिल से आभार कविवर
बहुत ही सुंदर रचना
बहुत बहुत आभार बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया नीतू जी। पुनः पधारें
अमित जी — बाल दिवस पर लिखी ये रचना सचमुच सही ढंग से बचपन को परिभाषित करती है | मधुर शब्दों में सब कुछ कह दिया गया है — इन नन्हे फरिश्तों के बारे में | सचमुच ये भगवान का दूसरा रूप ही तो हैं | और बच्चो को उनके कर्तव्यों से परिचित करवा उन्हें सच्चे नागरिक बनाना ही हमारा परम कर्तव्य होना चाहिए | सार्थक रचना के लिए आपको बधाई और शुभकामना |
आपका ह्रदयतल से आभार धन्यवाद आदरणीया। आपके आशीर्वचनों से उत्साहबर्धन हुआ-ऊर्जा मिली। उड़ती बात पर आपका स्वागत है। पुनः पधारें