True Loves Poems in hindi । मखमली यार के मखमली प्यार की कविता । इश्क हो जाने की रूहानी कविता
-Love Poem-
दिल से दिल तक
जब नभ की अगुणित सीमायें
शीतल शशिमय हो जाती हैं
जब धरा हिमालय से उठकर
स्वागत में मलय चलाती है
तब ऐसा क्या कुछ होता है
हर बात सुखद हो जाती है
तब ऐसा क्यों कुछ होता है
सौगात सहज हो जाती है
जब खुशी मौज सी मचल उठे
हर मौज नैन से छलक उठे
हर घटा छटा को चूम उठे
ख़्वाहिश पूरीं हो झूम उठे
बोलो ऐसा कब होता है
पूछो क्या यह सच होता है
ऐसा तो तब ही होता है
जब दो रूहानी लोग मिलें
ऐसा तो तब ही होता है
जब धरती अंबर गले लगें
ऐसा तो तब ही होता है
जब दिल से दिल तक ग़ज़ल उठे
ऐसा तो तब ही होता है
जब प्यार प्यार में मचल उठे।
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मुझे क्या पता तुम्हारी
खैरो ख़बर
हमसे तो हमारा हाल पूछो
तो बतायें-तो सुनाएं
कि शाम ढली
तुम न मिलीं
झौंके तो मचले
हवा न चली
उम्मीद भी चादर फैलाये
बैठ गई थी
दिन ढले ही
तेरे घर के सामने
तलबगार हो,
कि कब दीदार हो
मैकश सी आंखों से कब
आँखें चार हो
अब अगर नज़र के सामने
कोई हो तो यार हो
तुम आये मशरूफ से
और एक
उड़ती सी बात
रस्मी मुलाकात
करके वापिस हो लिए
मुड़ गये
न पूछो कि क्या हुआ
हमारे तो
होश उड़ गये
सारा आलम बैचेन सा रहा
रात भर,
नींद टहलती रही पलकों के
मुहाने पर
सुबह हमने तय कर लिया
तुम्हें हम कह देंगे
माना कि तूँ मुझसे दूर है
मुझे सब कुछ मंज़ूर है
पर इन आँखों की
तिश्नगी का
ख़्याल रख लिया करो
सुबह न सही
दोपहर न सही
पर एक बार शाम को तो
तसल्ली से
मुलाकात कर लिया करो।