रोमांटिक कविता-दिल की बात : किसी के इश्क़ में जब चैन और सुकून गायब हो जाता है, जब इज़हार करने के लिये दीवाना दिल तड़प जाता है तब, बैचेन दिल से जो सदा आती है, जब आह भी उसे पाने की दुआ हो जाती है, तो वही हर दुआ कविता बन जाती है। आज के
कविता-बदल गये हो डबडबाती कोरों से भी देखा, दिखते तो हो तुम! पर वैसे नही जैसे दिखते थे संभवतः तुम बदल गये हो हाँ!! तुम बदल गये हो। पहले तुम्हें आती थी संकेतों की भाषा झूठ सच क्षोभ विषाद सब पकड़ लेते थे। मैं लिख देती थी उंगली से कुछ शून्य में, और
रोमांटिक कविता-उफ़ान आतुरता का व्याकुलता की ओर यह प्रवाह आह!! गुमान ही ना था कोई अनुमान ही ना था। लज़्ज़त के गगन से टप्प टप्प बूँद गिरती रही हृदय के रजत कटोरे में चुपके से, लबालब चांदनी भरती रही। ये भी पढ़ें- Love Dohe । इश्क़ के दोहे ये भी पढ़ें-प्यार में
-Love Poem- दिल से दिल तक जब नभ की अगुणित सीमायें शीतल शशिमय हो जाती हैं जब धरा हिमालय से उठकर स्वागत में मलय चलाती है तब ऐसा क्या कुछ होता है हर बात सुखद हो जाती है तब ऐसा क्यों कुछ होता है सौगात सहज हो जाती है जब खुशी मौज सी मचल उठे