श्री महावीर भगवान का मंगला चरण – जिओ और जीने दो का अनुपम संदेश देने वाले भगवान महावीर स्वामी के अहिंसा परमोधर्मः एवम अपरिग्रहवाद के उपदेश स्वकल्याण के पथिकों के लिये अमोघ शक्ति की तरह हैं। आज के इस आर्टिकल श्री महावीर भगवान का मंगला चरन के द्वारा अपने परम ईश, देवाधिदेव 1008 श्री महावीर स्वामी
देवी वंदना सर्वेश्वरी जग्दीश्वरी तेरी शरण अज आये हैं मन शांत सरल किया है माँ कुविचार भी तज आये हैं आँखे विव्हल भक्ति प्रबल मेरा रोम रोम प्रसन्न है नयनाभिराम है छवि तेरी लख पाये जो हम धन्य हैं श्रीफल सुपारी लौंग चंदन पुष्प केशर लाये हैं शुभ दीप ज्योति है उज्जवला हम आरती को