कोई तो सपना टूट गया है कोई तो अपना छूट गया है हम ख़ुद से हो गए बेगाने हमसे हमारा रूठ गया है कैसी मुरादों वाली ये बोली कैसी है वादों वाली बोली शहद में लिपटी ज़हर की गोली देकर कोई लूट गया है किसको दूँ तोहमत किसको दुहाई हमको मुहब्बत रास ना आयी फुरकत