बलात्कारियों पर कविता – देश में आजकल लगभग हर रोज बलात्कार एवम दुष्कर्म की चर्चायें देखने पढ़ने और सुनने में आ रही हैं। ऐसा लगता है जैसे कि जितनी ज्यादा चर्चा इस विषय को लेकर सख्त से सख़्त सज़ा की हो रही है उतनी ही ज्यादा बलात्कारियों के हौसले बढ़ते चले जा रहे हैं। स्थिति