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अतिथि स्वागत शायरी । मंच संचालन शायरी । दीप प्रज्जवलन शायरी । Guest Shayari । stage Shayari । Deep prajjwalan Shayari

  अतिथि स्वागत शायरी फूल दरख्तों पर खिले हुये, कम ही देखे हैं हमने तो नज़र नज़र केवल, गम ही देखे हैं आप ऐसी तासीर, कहाँ से पाये हैं ज़नाब हमने हमेशा मुस्कराने वाले, कम ही देखे हैं। जगमोहन सी बातें करके, लूट लूट ले जाते हैं सौगातों की झोली भर कर, प्यार बांटते जाते

ताली शायरी । तालियों वाली शायरी । Taali par shayri । taaliyon waali shayri

ताली शायरी पार्ट 1 – उड़ती बात के सभी प्रशसंकों को अमित मौलिक का स्नेहिल अभिवादन। दोस्तों, मंच और ताली एक दूसरे के पूरक हैं। किसी भी मंचीय प्रस्तुति की सफलता का एक ही पैमाना होता है और वह है तालियाँ बजना। हालांकि कई बार अच्छी प्रस्तुति पर भी कमजोर तालियाँ आती हैं। ऐसा इसलिए

Anchoring Shayari in hindi-मंच संचालन के लिए शायरी Manch Sanchalan ke liye shayri

  धुन्ध ही धुंध थी पूरा आसमान, सर पे उठा रक्खा था एक बार हुज़ूर क्या कह दिया हमने, आतंक मचा रक्खा था हमने इक रोज़ इमदाद मांग कर, उनकी हवा ख़राब कर दी जिन्होंने खुद को बहुत बड़ा, सुल्तान समझ के रक्खा था। बिना दुश्वारी के बिना तकलीफों के ये नामुराद ख़्वाब कहाँ संवरते