March 10, 2017
रोमांटिक शायरी ‘कम पढ़ा होता’ । Romantic shayari ‘kam padha hota’
दिलों में बवाल होंठों पर सवाल रक्खो ज़माना टेढ़ा है तुम भी टेढ़ी चाल रक्खो आखिरी हिचकी है बाक़ी तू अभी रहने दे आखिरी दांव लगायेंगे लगाने वाले पूछ कर हाल बतायेंगे ज़माने भर को ये तमाशा भी बनायेंगे बनाने वाले हमने सूरज भी बनाया है जलाया बरसों वो चिरागों को हैं खैरात