ये आँखें ख्वाबगाह बन गईं तुम्हारे तसब्बुर में सोते सोते  सारा असबाब तरबतर हो गया है तेरे ख्याल में रोते रोते  हम पर तुम्हारी मुहब्बत का नशा इस तरहा तारी है  कि हम कमजोर दिल के होते तो दुनिया से चल दिए होते फर्क है बात मे सच भी है झूठ है  सुर्ख सूरज हुआ