मोहब्बत का गीत – इश्क़ से तरबतर दिलों के लिये प्रस्तुत है गम और नासाज़ी से भरा आर्टिकल मोहब्बत का गीत । आशा है कि आप सबको पसंद आयेगा। मोहब्बत का गीत फिर वही ख़्वाब सपना कहानी हुई फिर वहीँ से शुरू ज़िन्दगानी हुई फिर वही बेबसी तू वहाँ मैं यहाँ मैं दीवाना हुआ तू दिवानी हुई।
कोई तो सपना टूट गया है कोई तो अपना छूट गया है हम ख़ुद से हो गए बेगाने हमसे हमारा रूठ गया है कैसी मुरादों वाली ये बोली कैसी है वादों वाली बोली शहद में लिपटी ज़हर की गोली देकर कोई लूट गया है किसको दूँ तोहमत किसको दुहाई हमको मुहब्बत रास ना आयी फुरकत
उदारमना, तुम्हें क्षोभ किस बात का मैं तो निर्जन में पनपा एक दुर्बल तनका पौधा हूँ जो कभी बड़ा ही नहीँ हुआ अभी ढंग से खड़ा भी नहीँ हुआ सदा निराशा में बिंधा चंद टहनियों की जवाबदारियों में बंधा राह तकता हुआ किसी अन्जाम की किसी परिणाम की, यकबयक तुम्हारे प्रकाट्य से जीवन में ढंग आ गया