फलक से गुनगुनाती आईं हैं कुछ बूँदें  लगता है कोई बदली किसी पायजेब से टकराई है  कम्पनी के उत्पाद लांचिंग का आमंत्रण  स्नेही स्वजन,  सौंदर्य बोध से भरी गुनगुनाती हुईं बूँदें मानव मन को सदा ही आकर्षित करतीं आईं हैं। यह सच है कि सौंदर्य की परिधि अपरिमित है। अपरिभाषित है। लेकिन मानवीय कलात्मकता एवम