दो हंसो की जान को कलियों सी मुस्कान को उसने जन्नत से भेजा करने अच्छे काम को। कहते हैं जोड़ियाँ तो जन्नत में तय होती हैं। ये आधा सच लगता है। जन्नत में महज़ जोड़ियाँ ही नही तय होतीं, उनके किरदार भी तय होते हैं। उनके उत्तरदायित्व, उनके कर्तव्य, उनकी कर्मभूमि ही