April 28, 2017
कश्मीर में सैनिकों का थप्पड़ों द्वारा अपमान पर रोष जताती कविता। Poem against army being insulted in Kashmir
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गर न भूले आसमान से, ऊंचे उड़े इरादों को गर न भूले ढेर प्रचारित, छप्पन इंची वादों को। अगर याद हो सौ करोड़ ने, तुमको शासन सौंपा है अगर ज्ञात हो हिन्दोस्तां को, तुम पर बड़ा भरोसा है। जननी जन्मभूमि की अस्मत, हमको जां से प्यारी है अगर याद हो आंख नोचने, वाली रीत