September 4, 2017
            गुरु पर कविता। गुरु की महिमा पर कविता। शिक्षक दिवस पर कविता। शिक्षक दिवस कविता। poem on teachers day
 
                                                    
                          घोर अमावस रात में, नीरवता इतराय वैसे ही अज्ञान में, कुमति पुष्ट हो जाय। मति है नीरज तुल्य ये जानो, ह्रदय पात्र सम है ये मानो जैसा इसमें द्रव्य मिलाओ, जस का तस परभाव विचारो। नीम मिलाओ कड़वा पानी, कर्कशता ना जाय बखानी घोलो इसमें शहद चासनी, सरस मधुरतम होवे प्राणी।। घोला                
                        
                            
 
                                                    