तेरे अलावा मेरा कौन कहाँ जायेंगे  दिमाग से चलेंगे दिल से लौट आयेंगे  मुहब्बतों की कसम है तुम्हें हबीब मेरे  जो रूठ जाऊँ मना लेना मान जायेंगे तुम उगा तो लिये सूरज वो दिन बनेंगे नहीँ  खुदा से नूर मंगा लो ये गुल खिलेंगे नहीँ  तसल्लीयों से हवा में उड़ान भरते रहो  अब अगर ढूँढ़ने