गणतंत्र दिवस पर अध्यक्षीय भाषण – गणतंत्र दिवस के किसी आयोजन में यदि आप कार्यक्रम अध्यक्ष या मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हैं तो आपकी चिंता एक बेहतर भाषण देने की हो सकती है। कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन या मुख्य अतिथि का भाषण अपेक्षित होता ही होता है। आज के इस लेख गणतंत्र दिवस
मंच पर विराजमान आज के कार्यक्रम अध्यक्ष…….जी, माननीय विशिष्ट अतिथि……….जी एवम प्रिय देशवासियों। आप सबको आज़ादी के पर्व स्वन्त्रता दिवस की ह्र्दय से बहुत-बहुत बधाईयां-शुभकामनायें प्रेषित करता हुँ। मित्रों, आज हम आज़ादी के पावन महोत्सव को मनाने के लिये एकत्रित हुये हैं। आज हम तिरंगे को और उत्तंग ऊँचाई पर स्वच्छन्दता से फहराने के लिये
हमारे संचालक द्वय………………….जी और……………………जी को बहुत बहुत धन्यवाद। मंचासीन गण मान्य विभूतियों को समर्पित इन चार पंक्तियों के साथ मै अपनी बात शुरु करना चाहूंगा कि. . ‘कहाँ हैं ऐसे लोग जो निस्पृह रण में जूझने जाते हैं परहित में निजहेतु त्यागकर प्यार बाँटते जाते हैं आशाओं के पुष्प पल्लवित होते इन्हीं मालियों