Love Gazals Romantic gazals-शिकवा शिकायत की ग़ज़लें तकरार की ग़ज़लें मोहब्ब्त की ग़ज़लें प्यार की ग़ज़लें
Love Gazals Romantic gazals – आपके सामने प्रस्तुत हैं लव और रोमांस से लबरेज़ दो शानदार ग़ज़लें। पसंद आयें तो प्रतिक्रिया दीजियेगा और शेयर कीजियेगा-
रोमांटिक ग़ज़ल -शुरुआत
फिर से हो एक शुरुआत कोई बात बने
ख़्वाब में रोज़ मुलाकात कोई बात बने।
खुले गेसु खुली आँखे खुले इरादे हों
मुख़्तसर बहके हों जज़्बात कोई बात बने।
तुम संवर कर चली आओ ये दिल मचल जाये
और वश में ना हों हालात कोई बात बने।
अब सितारों से रोज़ रोज़ दिल बहलता नहीं
हाँथ हो चाँद आज रात कोई बात बने।
फिर रवैया हो तुम्हें नागवार कल की तरह
फिर से हो दौर-ए-सवालात कोई बात बने।
सिलसिला मान मनव्वल का फिर से कायम हो
फिर कोई दिल में लगे बात कोई बात बने।
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Romantic Gazal -shuruaat
Fir se ho ek shuruaat koi baat bane
khwab me roz mulaakaat koi baat bane.
khule gesu khuli aankhen khule iraade hon
mukhtsar bahke hon jazbaat koi baat bane.
tum sanwar kar chali aao ye dil machal jaye
Aur vash me na hon halaat koi baat bane.
ab sitaaron se roz roz dil bahalata nahi
haanth ho chaand aaj raat koi baat bane
Fir ravaiya ho tumhe naagvaar kal ki tarah
fir se ho daure-e-savaalaat koi baat bane.
silsila maan manavval ka fir se qaayam ho
fir koi dil me lage baat koi baat bane.
लव ग़ज़ल-इलहाम
तेरे मिज़ाज़ का अगर, कुछ इलहाम हो जाये
थोड़ा मुख़्तसर, प्यार का इम्तिहान हो जाये।
तुम्हें जो भी सज़ा देना हो, आज दे देना मुझे
ज़िगर को थोड़ा बहुत तो, आराम हो जाये।
वो इतनी मासूम है कि, बात बन्द करना पड़ी
बेवजह क्यों मेरे लिये, वो बदनाम हो जाये।
इस आरज़ू से लगाये थे, कुछ पेड़ हमने भी
मेरा ना सही, परिदों का ही मकान हो जाये।
गज़ब है दौर-ए-इश्क़ का, ये अंदाज-ए-बयां
दिल मिले ना मिले, लेकिन एक जान हो जायें।
Love Gazal-Ilahaam
Tere mizaj ka agar, kuchh ilhaam ho jaaye
thoda mukhtsar pyar ka, imtihaan ho jaaye.
jo bhi saza dena ho, aaj de dena mujhe
zigar ko thoda bahut to, aaraam ho jaaye.
vo itni maasum hai ki, baat band karna padi
bevajah kyon mere lie, vo badnaam ho jaaye.
is aarzoo se lagaaye the, kuchh ped hamne bhi
mera na sahi, parinddon ka hi makaan ho jaaye.
gazab hai daur-e-ishq ka, ye andaaj-e-bayaan
dil mile na mile, lekin ek jaan ho jaaye.
एक मुख़्तसर सी तारीफ़ की मोहताज नहीं , ये दिल को छूती पंक्तियाँ बस शब्दों की क्या कलाकारी है
आपका बहुत बहुत शुक्रिया आभार मित्र। आपका बहुत बहुत स्वागत है उड़ती बात पर।
वाह लाजवाब गजलें हैं दोनों … हर शेर खिलता हुआ …
ह्रदय से अतुल्य धन्यवाद नासवा जी। बहुत बहुत आभार कविवर। पुनः पधारें