September 28, 2016
कविता-रक्त दान। Kavita raktdaan । रक्तदान दिवस पर कविता। रक्तदान महादान पर कविता।
दुनियाँ के समस्त रक्त दान करने वाले देवदूतों को समर्पित रक्त अर्चना करने वालो, हे मतवालो तुम्हें प्रणाम जीवन दाता रक्त प्रदाता, रचने वालो तुम्हें प्रणाम। किसको है परवाह यहाँ पर, उमरा बीती जाती है मतलब स्वार्थ परस्ती खातिर, दुनिया जीती जाती है। ये भी पढ़ें: स्वच्छ भारत अभियान पर कविता ये भी पढ़ें: कविता जल बचाओ कल