50 wedding anniversary wishes speech in hindi ।शादी की 50वीं सालगिरह की बधाई संदेश एवं भाषण

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दो हंसो की जान को
कलियों सी मुस्कान को
उसने जन्नत से भेजा
करने अच्छे काम को।

कहते हैं जोड़ियाँ तो जन्नत में तय होती हैं। ये आधा सच लगता है। जन्नत में महज़ जोड़ियाँ ही नही तय होतीं, उनके किरदार भी तय होते हैं। उनके उत्तरदायित्व, उनके कर्तव्य, उनकी कर्मभूमि ही नही उनके सामाजिक योगदान की महती भूमिका भी तय होती है। हाँ यह अवश्य उल्लेखनीय है कि ईश्वर की भेजी हुईं जोड़ियों में कौन सी जोड़ी विशिष्ट बनती है। विशिष्टता, जो कि उनकी सहृदयता, उनकी कर्मठता और उनकी निर्धारित भूमिका के निष्पादन में उनकी प्रतिबद्धता से निर्धारित होती है।

ऐसी ही एक विशिष्ट जोड़ी जो कि हमारे नगर ग्रुप के ऊर्जामयी दंपत्ति सदस्य ग्रुप के सह सचिव………… जी के पिताजी-माताजी आदरणीय श्री ……….जी-श्रीमति ……..जैन जी की है। मूल रूप से………….के निवासी आदरणीय श्री……….जी केमिस्ट्री के अतीव विद्वान हैं।

राम राजा की नगरी ओरछा एवम निवाड़ी में केमिस्ट्री विभाग के व्याख्याता के रूप में, चार दशकों तक अपने ज्ञान का दान विद्यार्थियों को बांटने का पुनीत कार्य आप करते रहे। साथ ही समाज के उत्कर्ष में आपका योगदान आज भी ओरछा और निवाड़ी में किवदंतियों के रूप में सुनाया जाता है। धर्मपत्नी श्रीमति………….जी ने कदम कदम पर उनके पुनीत लक्ष्यों में उनका साथ दिया, उन्हें प्रोत्साहित किया। अस्तु श्री………… जी की उत्कृष्टता में उनकी प्रेरणा और प्रोत्साहन सदा ही शीर्ष पर रहा।

 

 

कहते हैं व्यक्तित्व और विद्वता सकारात्मक हो तो वह द्विगुणित हो हस्तांतरित होती है। चाचा जी-चाची जी के सुपुत्रों……..जी, ……..जी एवम ………जी ने अपने पिता-माता जी की समृद्ध विरासत को आसमान की ऊंचाइयां प्रदान कीं। उनके बेटों ने xyz नाम की फर्म को आज अंतरराष्ट्रीय उचाईयां प्रदान की। आज यह फर्म ……….शहर की सिरमौर फर्म है। उनके पुनीत कार्यों का सुखद प्रतिफल उनकी पुत्रबधुएँ श्रीमती दिलीप-संगीता, श्रीमती……-……और श्रीमती…….-………के रूप में उन्हें प्राप्त हुआ जो आदर्श बेटियों की तरह उनकी सेवा और सम्मान करने वाली हैं।

व्यापारिक सफलता के इतने ऊंचे मुकाम के बावजूद उनके बेटों में रंच मात्र भी अहम नही दिखता। विन्रमता तो जैसे आदरणीय चाचाजी-चाचीजी जी ने घुट्टी में पिलाई है। परिणामतः आज तीनों भाई सोशल ग्रुप जैसी संस्थाओं एवम अन्य सामाजिक सारोकार की संस्थाओं में सिरमौर पदों पर आसीन हो कर अपने पेरेंट्स का नाम रौशन कह रहे हैं।

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