3 बेहद दिलकश ग़ज़लें। 3 मोहब्बत से भरी दिलकश ग़ज़लें । 3 beautiful Love Ghazals
ग़ज़ल-ख़फ़ा
सारा चमन जला बैठे
वो क्यों ख़फ़ा ख़फ़ा बैठे।
देर लगी क्यों आने में
कब से हम तन्हा बैठे।
प्यार से पूछा उसने जो
सारा हाल सुना बैठे।
गज़ब हुआ उस रात को हम
चाँद को चाँद दिखा बैठे।
हंगामा क्यों बरपा है
जो उसको खुदा बना बैठे।
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ग़ज़ल-ज़हर
चलो छोड़ो गई बातें, चलो अब सो जायें
ज़हर बन जायेंगी रातें, चलो अब सो जायें।
ना सुधरे वो ना सुधरेंगे करेंगे फिर चमन बर्बाद
चलेंगे फिर नयी घातें चलो अब सो जायें।
नहीं अब ज़ज़्बा-ए-मरियम, नहीं वो लोग हैं ज़िंदा
जो हमसे रंजो ग़म बांटे, चलो अब सो जायें।
उजड़ जायेंगीं फिर गोदें, जुनूँ वहशत का फिर होगा
झुलस जांयेंगीं फिर आतें, चलो अब सो जायें।
ग़ज़ल-शह
ख़ामोख्वाह नही उड़ती बात, कोई तो वज़ह होगी।
या तो मक़बूलियत ख़ूब है या, हवाओं की शह होगी।
चाँद पर घर बनाने की ज़िद, कहीं जान ना ले ले
ये सोचो चाँद जिनका है उनसे, कैसे सुलह होगी।
ऐ मेरे ख़्वाबों ज़रा ठहर जाओ, अब बस भी करो
दम निकल जायेगा मेरा, जब तलक सुबह होगी।
ये आदतन वादा ख़िलाफ़ी, ये रोज़ का तसादुम
कोई हल निकालो हातिम, ऐसे कैसे बसर होगी।
यूँ तमाशा न बना मोहब्बत का, मुझे सज़ा दे दे
दिल टूट जाएगा मेरा जो, इस तरहा ज़िरह होगी।
बहुत शानदार गज़लें है अमित जी,लाज़वाब एकदम।
बहुत बहुत धन्यवाद आभार श्वेता जी। यूँ ही मनोबल बढ़ाते रहें।