मंच संचालन स्क्रिप्ट-विद्यालय का बार्षिकोत्सव। Anchoring script- Annual Function of School

Buy Ebook

 

कौन कहता है कि इस दुनिया में जलन कड़वाहट बसती है
हमारे विद्यालय में आकर देखो यहाँ केवल सौगात बटती है

 

अपने लिए जोरदार तालियां बजा दीजिये।

[nextpage title=”next page”]

अगली प्रस्तुति देशभक्ति की भावना से भरी एक शानदार कव्वाली लेकर आ रही है। मैं इसके प्रतिभागियों 1………, 2………, 3………, 4………., 5……… को मंच पर आमंत्रित करती हूँ की अपनी प्रस्तुति आरम्भ करें।

 

 

एंकर मेल-बहुत शानदार प्रस्तुति । जोरदार तालियाँ।।।।।

क्या खूब शमा बाँधा इस प्रस्तुति ने। लेकिन मित्रो I am sorry. आपकी तालियाँ बिलकुल भी शमा नहीं बाँध पा रही हैं। मैंने तो ……….सर से पहले ही कहा था कि जब तक हमारे विद्यालय के इन अद्वितीय विद्यार्थियों को कुछ नाश्ता-पानी नहीं करायेंगे तब तक इनकी तालियों में जान ही नहीं आएगी।

 

ख्वाहिशों के चमन में गुलों की महक उड़ानी है
तितलियों की परवाज़ लेकर रंगीन दुनिया सजानी है
हम खूबसूरत प्रस्तुतियों का मेला सजा देंगे आपके लिए
बस आपको हर प्रस्तुति पर जोरदार तालियाँ बजानी हैं

 

एक बार जोरदार तालियाँ बजाकर अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करें।
धन्यवाद मित्रो।

 

10) सांस्कृतिक कार्यक्रम देशभक्ति एक्ट

एंकर फीमेल-एक वक्त था जब हमारे देश का हर नौजवाँ भगतसिंह, चंद्र शेखर आज़ाद और राजगुरु बनना चाहता था। सरफ़रोशी और वतन पर मर मिटने के जज़्बे को इबादत माना जाता था। क्या आलम था वो, क्या ज़ज़्बा था वो, लहू में कैसा उबाल था वो। आइये इन पंक्तियों के माध्यम से आपको देशभक्ति की एक ऐसी प्रस्तुति से जोड़ते हैं कि आपके दिल में भी इस प्यारे हिंदुस्तान पर कुर्बान हो जाने का अरमान मचल जायेगा।

 

इस देश की खातिर लड़ जाओ, वर्ना क्या रक्खा जीने में
हँसते हँसते सब लुटा दिया, इस देश पे अमर शहीदों ने
सर कफ़न बाँध कर चलते थे, मदमस्त रहे संगीनों में
भारत माता के लालों ने, गोली खाई थी सीने में

मैं देशभक्ति एक्ट के प्रतिभागियों 1………, 2………., 3…………., 4…………., 5……….., 6…………., 7…………,8………. से अनुरोध करती हूँ कि वो अपना एक्ट यथाशीघ्र आरम्भ करें।

11) सांस्कृतिक कार्यक्रम स्वच्छ् भारत अभियान

 

एंकर मेल-हमारे प्रतिभागियों के लिए जोरदार तालियाँ। अद्भुत अद्भुत। क्या प्रस्तुती थी।

साथियो, हमने देखा कि किस तरह अपना लहू बहाकर हमारे अमर शहीदों ने इस देश को आज़ाद कराया। हो सकता है अब हमें देश पर कुर्बान हो जाने की रुत ना मिले और ईश्वर की कृपा से इसकी आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी।

114 Comments

Leave a Reply