मंच संचालन स्क्रिप्ट-विद्यालय का बार्षिकोत्सव। Anchoring script- Annual Function of School

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हथेली पर सूरज उग आता है सुना था, आज देख लिया
उम्मीद मिले तो मन हवा में उड़ जाता है, आज देख लिया
आप यहाँ पधारे, हमारे हौसलों को तो पंख लग गये मानो
नेक बन्दों में ख़ुदा नज़र आता है सुना था, आज देख लिया

 

जी हाँ, सही पहचाना आप सबने, हमारे आज के मुख्य अतिथि माननीय श्री……………के लिए जोरदार तालियां ।

मैं अपने विद्यालय के प्रधान अध्यापक/प्राचार्य गुरुवर श्री…………से अनुरोध करती हूँ कि वो हमारे मुख्य अतिथि जी को मंच तक ले के आएं एवम स्वयं भी मंच पर विराज कर मंच की शोभा बढ़ाएं। 

 

3) गणेश वंदना-

एंकर मेल-साथियो, जैसा कि हम जानते हैं, भारतीय संस्कृति में किसी भी मंगल प्रसंग के पहले प्रथम पूज्य-विघ्नहर्ता श्री गजानन की वन्दना करने की परंपरा है।

तो आइये उत्सव को आरम्भ करने से पहले हम अपने मांगलिक देव से प्रार्थना करते हैं कि हे मंगलमूर्ति अपना कृपा मई वरद हस्त हम पर बनाएं रखें जिससे हमारे आयोजन में कोई संकट ना आये-हमारे पथ में कोई कंटक ना आये।

मैं हमारी सहपाठी छात्रायें कुमारी………….. एवम कुमारी ………….से अनुरोध करता हूँ कि वो आएं और गणेश वंदना का मंगल क्रम सम्पन्न करें।

समापन-एक बार जोरदार तालियाँ इस पवित्र भावना के लिए।
4) दीप प्रज्वलन-

एंकर फीमेल-दोस्तो, कहते हैं कि मानव मन में एक दिन में 60000 विचार उत्पन्न होते हैं, जिसमे से 70% विचार नकारात्मक होते हैं और हमारी शास्त्रीय भाषा में नकारात्मकता को ही अन्धकार माना गया है, जिसे केवल सकारात्मकता की ओजस से, विनम्रता की दिव्यता से एवम मुहब्बत के उजाले से ही दूर भगाना सम्भव है।

इसलिए किसी भी उत्सव या आयोजन के पहले वातावरण की कलुषता तथा अंतर्मन की नकारात्मकता को दूर करने के लिए हम दिव्य ज्योति का प्रज्वलन करते हैं।

तो आइये, हम विद्यादायिनी, कला दायित्री, संगीत पूर्णा माँ सरस्वती के चरणों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उनके चित्र के समक्ष दिव्य ज्योति को प्रज्वल्लित करते हैं।

 

क्या अंधकार से डरना अब, आओ सूरज बन जाते हैं
धरती अम्बर के तम सारे, जिससे डर कर छट जाते हैं
इक नूर बहे रूहानी सा, रौशन यह आलम हो जाये
आओ मित्रो हम मिल करके , इक झिलमिल दीप जलाते हैं

 

समापन-जोरदार करतल ध्वनि के साथ इस ओजमयी क्रम का अनुमोदन करेंगे।

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5) स्वागत नृत्य

एंकर मेल-माँ के श्री चरणों में नमन पश्चात जैसा की क्रम है, मैं अतिथि स्वागत नृत्य की प्रस्तुति के लिए कुमारी…………एवम कुमारी…………….को इन पंक्तियों के साथ मंच पर आमंत्रित करता हूँ कि…..

अनुगृहित है मन मुदित है, श्री मन पधारे जो यहाँ
आभा उदित है मंच पर, सूरज दमकता है यहाँ

 

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