मंच संचालन के 10 महत्वपूर्ण नियम-पार्ट 2 । Anchoring ke 10 important rules -part 2

Buy Ebook

 

2-आयोजकों से उनके कार्यक्रम की पूरी जानकारी लें:-

कार्यक्रम किस प्रकार का है, कार्यक्रम के अतिथि किस स्तर के हैं, श्रोताओं की उम्र, वर्ग एवम बौद्धिक स्तर को समझें। कार्यक्रम में कितनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हैं, कार्यक्रम समयावधि क्या है, इन सबकी एक मोटी-मोटी जानकारी लें (इसका लिखित विवरण आयोजकों के पास allready उपलब्ध होता है।) जिससे आपको अंदाज़ा हो जायेगा कि आपके पास करने को क्या कुछ है अथवा समय सीमा का बंधन कितना है। (समय 2 मिनिट्स)
3-अतिथि/वक्ताओं की जानकारी:-

किसी भी तरह का आयोजन हो, आयोजक उसकी रूप-रेखा जरूर बनाते हैं। जैसे मुख्य अतिथि कौन होगा, कौन कार्यक्रम अध्यक्ष होगा और अन्य अतिथियों का भी संपूर्ण विवरण उनके पास रहता है। आयोजकों से अतिथियों का बायोडाटा ले लें। अगर बायोडाटा उपलब्ध नहीं तो एक मोटा-मोटा विवरण आयोजकों से ले लें।

अगर उनके पास व्यवस्थित विवरण नहीं है और आपके पास विवरण लेने के समय भी नहीं है तो किसी जिम्मेदार व्यक्ति को तुरंत ये काम सौंप दें जिससे वो manually बायोडाटा या प्रमुख जानकारी लेकर आपको सौंप दें ( जब अतिथि आमंत्रण करते हैं तो उनका परिचय एवम उनकी उपलब्धियों के बारे बताने के लिये इसकी बहुत आवश्यकता पड़ती है) इसके अलावा मुख्य अतिथि का स्वागत कौन करेगा, बाकी अतिथियों के स्वागत कौन करेंगे ये भी लगभग तय होता है, इसकी भी संपूर्ण जानकारी संजो लें। (समय 2 मिनिट्स)

 

4-कार्यक्रम के महत्व और संस्था से सम्बंधित तथ्य संजोयें:-

कार्यक्रम किस उपलक्ष्य में हो रहा है, संस्था का इतिहास क्या है, संस्था की उपलब्धियां क्या हैं, इस बावत भी आयोजकों से जानकारी ले लें, जो कि उनके पास दस्तावेज रूप में अवश्य ही उपलब्ध होती है। शुरूआती भूमिका में इस बारे में बोल सकते हैं या फिर जहाँ आपको संचालन के लिये कुछ सूझे नहीं वहाँ पर इन तथ्यों के बारे में बात कर सकते हैं। (समय 2 मिनिट्स)

 

5-कार्यक्रम का चरण दर चरण क्रम बना ले:-

आयोजकों से चर्चा करके उनकी योजना अनुसार कार्यक्रम के क्रम निम्न प्रकार से व्यवस्थित कर लें-

 

 

(समय 5 मिनिट्स)

(नियम 1 से नियम 5 तक लगने वाला कुल समय 0+2+2+2+5= 11 मिनिट) कहने का तात्पर्य है कि आपके हाँ कह देने के पश्चात किसी भी प्रकार से, किसी भी स्थिति में, 15 मिनिट्स से ज्यादा समय आपको start करने के लिये नहीं लेना है। यह मिनिट्स वाली exercise उस आकस्मिक स्थिति के संचालन के लिए की गई है जिसमे कार्यक्रम शुरू होने के तुरंत पहले आपको संचालन के लिये कहा जाता है या निर्धारित Anchor की अनापेक्षित गैर मौज़ूदगी के कारण allready deley हो चुके कार्यक्रम को संचालित करने के लिए आपसे अनुरोध किया जाता है।


6-यह कभी न कहें कि मैं कोई तैयारी नहीं कर पाया:-

एक वक्ता या प्रस्तोता को सदैव यह ख़तरनाक जुमला कहने से बचना चाहिये कि ‘मुझे आनन-फानन इस प्रस्तुति, ज़िम्मेदारी, भाषण या संचालन के लिये बुला लिया गया और मुझे समयाभाव के कारण तैयारी करने का अवसर नहीं मिल पाया।’ जब हम ऐसा कह देते हैं तो श्रोताओं का ध्यान हमारी गलतियों पर जाने लगता है।

10 Comments

Leave a Reply