सरोगेसी पर नुक्कड़ नाटक-Surrogacy par Nukkad naatak

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दोस्तो । हमें अपने बच्चों को अजादी तो देना है, उन पर भरोसा भी करना है लेकिन उनके साथ मित्रवत व्यवहार भी रखना है। जिससे वो किसी भी प्रकार की बात आपसे ना छिपायें। डरें नहीं। घबड़ाए नहीं।

साथ ही उन पर पूर्ण नियन्त्रण भी रखना है। बच्चों से गलती हो सकती है।
युवा मन की भटकन एक स्वाभाविक घटना है।  

और हमारे युवाओं से मुझे यही कहना है, कि जिन्दगी में कोई शॅार्टकट नहीं होता। आज भी भारत मे 99.99 विवाह माता पिता की सहमति से होते हैं और सबके सब आलमोस्ट सफल होते हैं।

इसी के साथ मैं और मेरी टीम आप से विदा लेती हैं।
जय हिन्द।

पात्रो का परिचय…

 यह आर्टीकल सरोगेसी पर नुक्कड़ नाटक आपको कैसा लगा। कमेंट करके अवश्य बतायें। धन्यवाद

Author – Rinki Jain लेखिका – रिंकी जैन

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