सरोगेसी पर नुक्कड़ नाटक-Surrogacy par Nukkad naatak

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प्रियवंदाः- (गुर्रा कर) यू शट्अप। नीच कमीने आज मैं तेरा दोगला चरित्र जान गई हूँ।

वरूणः- (गुस्से में) चुप कर बेवकूफ। अच्छे से मान जा। नही तो हमें सख्ती करनी पड़ेगी।

प्रियवंदाः- तुम मेरे साथ क्या सख्ती करोंगे। अब मैं पुलिस मैं जाऊंगी और तुम लोगों के खिलाफ कम्पलेंड करूंगी।

वरूणः- ( जोर से चिल्लाता है ) चोप्प!!!!!

डॉक्टर :- (क्रूर स्वर में) इसे पकड़कर एक कमरे में बंद कर दो। इसके हाथ में मोबाइल नहीं रहना चाहिये। मै इसे अभी बेहोशी का इंजेक्शन दिलवाता हूँ,  ये क्या इसका बाप भी अब बच्चा पैदा करेगा।

प्रियवंदा को पकड़ लिया जाता है। प्रियवंदा जोर से रोने लगती है..

प्रियवंदाः-(बेकाबू होकर छूटने कि कोशिश करती है) मुझे छोड़ दो…मुझे जाने दो…

वरूणः- ( प्रियवंदा को एक थप्पड़ मारता है ) चुप कर। तू!! तू पुलिस को बतायेगी। अब तू जिन्दगी भर यहीं सड़ेगी और एक नहीँ दस बच्चे जनेगी।

प्रियवंदा को एक कमरे में बंद कर दिया जाता है.। प्रियवंदा दहाड़े मार मार कर रोती है।

प्रियवंदाः- (मार्मिक आवाज़ में रोते हुये) मैं तुम्हारे पैर पड़ती हॅू वरूण प्लीज ऐसा मत करो। वरूण इतनी बड़ी सजा मत दो, तुम्हें मेरे प्यार की कसम। वरूण प्लीज, रहम करो..मुझे जाने दो।

दृश्य.7
                         
सूत्रधारः– देखा आपने। एक छोटी सी नादानी प्रियवंदा को कहाँ से कहाँ ले गई। प्रियवंदा को दवाईयों के नशे में रखा जाने लगा। उसके मुंह पर टेप लगाकर एवं उसके हाथ पैर बॉधकर बिस्तर पर लिटा दिया गया। उसे जबरदस्ती सरोगेसी करा दी जाती है। इस प्रकार तीन महीने बीत जाते हैं।

हॉस्पीटल के लोग भी प्रियवंदा की तरफ से लापरवाह हो जाते हैं। प्रियवंदा एक कमरे में चुपचाप बिस्तर पर पड़ी रहती है। उसके व्यवहार के कारण उसके हाथ पैर खोल दिये जाते हैं।

एक बार प्रियवंदा के हाथ किसी का मोबाइल लग जाता है और वह अपने पापा को फोन लगाकर रोते रोते सारी कहानी बता देती है। वह अपने पापा मम्मी से क्षमा मॉगती है और गिड़गिड़ाती है कि मुझे बचा लो पापा, नही तो ये लोग मुझे मार डालेगे।

प्रियंवदा के एक रिश्तेदार की मदद से, जो कि नोएडा में ही रहते थे, पुलिस मे तुरन्त कम्पलेन की जाती है और आनन फानन पुलिस रेड डाली जाती है जिसमें एक बड़ा गैंग पकड़ाया जाता है जो कि अवैध रूप से सरोगेसी का काम कर रहा था।

प्रियवंदा की चिकित्सा की गई लेकिन प्रियमवदा लम्बे समय तक गहरे सदमें में रहती है। उसके परिवार को अपने शहर से पलायन करना पड़ता है और सब कुछ तबाह हो जाता है।

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