सरोगेसी पर नुक्कड़ नाटक-Surrogacy par Nukkad naatak

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मम्मी – पीधे से ड्राईगरूम में से गुस्से से बढ़बढ़ाती हुई, तेज तेज कदमो से आती हैं ‘हद हो गई, आपको फोन की घंटी नहीं सुनाई दे रही??

पिता जी – ओह। सॉरी कह कर फोन उठाते हैं भाई साहब प्रणाम। सब ठीक है, वहां आप लोग कैसे हैं, जी जी, ठीक है, अरे वाह, खुशी की बात है, जी, जी । जी भाई साहब मैं ऐसा ही करता हूं, जी बिल्कुल, जी। ठीक है। प्रणाम।

मम्मी – क्या हुआ ? कौन था?

इतने में प्रियंवदा भी वहाँ आ जाती है।

प्रियंवदा – किसका फोन था पापा ?

पिता जी – तुमहारे बड़े पापा का। नेहा कि सगाई तय हो गई है। परसों सगाई है। आज लडके वाले आए थे उन्होने नेहा को पसन्द कर लिया बहुत अच्छा लड़का मिला है। लड़का डॉक्टर है और बडे ही प्रतिष्ठित परिवार का है।

मम्मी – नेहा की कितनी अच्छी किस्मत है। ये उसके अच्छे पुण्यो का प्रतिफल है।
प्रियंवदा – सच में मम्मी। नेहा दीदी इज सो लकी।

पिता जी – और एक ख़ुशी की बात है लड़के के मौसा जी का लडका सॉफ्टवेयर इन्जीनियर है। भाई साहब ने प्रियंवदा की चर्चा चलाई है, उसके मौसा जी का लड़का भी सगाई में आ रहा है उसे प्रियंवदा की फोटो भी पसंद आ गई है। वह भी प्रियंवदा को देखना चाहते हैं।

अपनी प्रियंवदा का इंजीनियरिंग का यह आखिरी सेमेस्टर है, अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो हम प्रियंवदा का भी संबन्ध कर देगे।

मम्मी – (खुश होते हुये) वाह!!  तुमने तो बड़़ी ही अच्छी खबर सुनाई। प्रियंवदा, चलने की तैयारी शुरू कर दो।

प्रियंवदा – (उदास होते हुए) क्या मम्मी! आप लोग भी कितनी जल्दबाजी कर रहे हो। अभी तो मेरी पढाई भी पूरी नहीं हुई। मेरे एग्ज़ेम बिलकुल सामने हैं। मै नहीं जा सकती। वेसे भी मेरी तबीयत खराब हो जाने के कारण मैं पिछड़ गई हुं, मुझे बेक लॉक पूरा करना है, सॉरी। आप लोग लड़का देख आइये और पसंद आने पर उनको अपने घर आने को कह दीजियेगा।

दृश्य.4

सूत्रधार :- प्रिंयवदा के माता पिता अपने बड़े भाई के यहाँ सगाई कार्यक्रम में चले जाते हैं, एवम् प्रियंवदा को अपने पड़ोसी की देखभाल में सौंप कर निश्चिंत हो जाते हैं।

प्रियंवदा अपने प्रेमी वरूण को फोन लगा कर पूरी स्थिती बताती है और कहती है कि अब करो या मरो वाली स्थिती है। अगर तुम मुझे प्यार करते हो तो हम कहीं दूर भाग कर के शादी कर लेते हैं नही तो मेरी शादी जल्दी ही किसी अन्य लड़के के साथ कर दी जाएगी।

अगले ही दिन वरूण एंव प्रिंयवदा कुछ गहने और पैसे लेकर घर से भाग जाते है एंव नोएडा पहुंच जाते हैं। नोएडा में वरूण का एक डॉक्टर दोस्त उसकी मदद करता है एवं एक खाली फ्लैट उनके रहने के लिये अरेंज करा देता है। उसी सप्ताह में वो दोंनों एक मंदिर में शादी कर लेते हैं।

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