धार्मिक शायरी – भक्ति शायरी, भगवान शायरी, ईश्वर शायरी, खाटू वाले श्याम पर शायरी, Devotional shayari
धार्मिक शायरी – उड़ती बात के कई सारे पाठकों की माँग थी कि मैं धार्मिक शायरी ( Dharmik shayari ) पर एक आर्टीकल लिखूँ। एक एंकर के तौर पर आपको हर तरह के कार्यक्रम का मंच संचालन करना पड़ सकता है जिनमें धार्मिक कार्यक्रम भी हो सकता है। इस आर्टिकल में मैंने धार्मिक कार्यक्रम के लिये शायरी लिखी है।
कई लोग अपने वॉट्सऐप स्टेटस (watts app status) को धार्मिक रूप देने के लिये भक्ति शायरी (bhakti shayari) या भक्ति स्टेटस (bhakti status) की तलाश में रहते हैं। भगवान पर शायरी (shayari on God) ख़ासकर श्रीकृष्ण पर शायरी – खाटू वाले श्याम पर शायरी से सजे इस आर्टिकल का आनंद हर कोई ले सकता है।
धार्मिक शायरी
जो यहाँ नाचता है उसे मैं बता दूँ
ज़माने में फिर वो नहीं नाचता है।
बड़ा इक हसीं वाकया हो गया है
लो खाटू का बाबा मेरा हो गया है।
उसकी चाहत में मैं भूल बैठा जहाँ
लो मेरे इश्क़ में सांवरा खो गया है।
जो बाबा की जय जय करे ख़ूब दिल से
सदा उसकी जय जय ज़माने में होगी।
इतना दिया है तुमने, गिन गिन के भूलता हूँ
खाटू के श्याम तेरे, उपकार बड़े मुझ पर।
पीड़ा सारी मिट गई, लिया जो तेरा नाम
गज़ब कृपा है आपकी, खाटू वाले श्याम।
झोली भर भर लूटते, रहमत नैमत लोग
आकर ना खाली गया, कोई खाटू धाम।
लगी जो मेरी हाज़िरी, खाटू वाले धाम
नाम हमारा हो रहा, काम करें घनश्याम।
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दुःख भंजन बाबा मेरे, अलख निरजंन धाम
पल में सबको देत हैं, खाटू वाले श्याम।
तीन लोक के नाथ तुम, तेरी ही सरकार
क्यों जायें घनश्याम हम, और किसी के द्वार।
महिमा खाटू धाम की, जग में है विख्यात
जो आया दरबार में, जाये ना खाली हाथ।
अंतर्यामी साँवरे, मुरलीधर सरकार
खाटू वाले श्याम की, बोलो जय जय कार।
चमत्कार नित नित करें, खाटू वाले श्याम
बिन माँगे मिल जात है, खाटू वाले धाम।
नाचो खुलकर नाच लो, बाबा के दरबार
नहीं नाचना फिर पड़े, तुझको बीच बाज़ार।
मैं लाख रोकूँ मगर आँख छलक जाती है
जब तेरी रहमतों के गीत दुनियाँ गाती है
जब तुम्हीं हो दयासिंधु दीन बंधु त्रिपुरारी
फिर मुझे मेरी ये तकदीर क्यों सताती है।
ये खेल किस्मतों के किसको जा बतायें हम
हमारे दुःख तू ही बता किसे सुनायें हम
हे मेरे श्याम हे घनश्याम कृपा कर देना
तेरे अलावा बता और कहाँ जायें हम।
गुलाब कर दो मुझे इत्र बन महक जाऊँ
बना लो शंख मुझे स्तवन तेरा गाऊँ
मुझे विमल चरण की रज प्रभु बना लेना
ह्रदय में आन विराजो तो मैं सँवर जाऊँ।
मीरा ना बन सकी मैं, राधा ना हो सकी मैं
पर दिल फ़िदा है तुम पर, कैसे तुम्हें बताऊँ
मनमोहना निरंजन, कुछ तो इशारा दे दे
यह दिल दीवाना लेकर, अब और कहाँ जाऊँ।
आज मेरी घनश्याम से, ख़ूब हुई तकरार
तुम्हें पता हर बात है, फिर क्यों करूँ गुहार।
हँस कर बोले श्याम जी, करके थोड़ा प्यार
जो चाहे सो माँग ले, लड़ता क्यों है यार।
उल्फ़त अगर करूँगा, तो श्याम जी तुम्हीं से
तुमसे बड़ा सनम अब, दुनियां में कौन होगा।
सूरत तुम्हारी दिल में, कुछ इस तरह बसी है
तेरे इश्क़ के सिवा अब, कुछ और नहीं होता।
दुनिया कहे निखट्टू, खाटू के श्याम बाबा
तुमसे जो लौं लगी तो, दिल अब कहीं लगे ना।
सब कुछ मिलता देख है, लालच बिना लगाम
सुख संपत्ति तो मिल गई, मिल जायें घनश्याम।
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Wow nice dear
Thanks Dear..
Hiiii
This is a great post. Keep writing such post further. Thanks for sharing.
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
बहुत अच्छा लगा सर जी।
मै सहरसा जिला बिहार से हूं
अमितजी जैन
आपको बहोत बहोत बधाई।
आपके द्वारा दी गई मंच संचालन की स्क्रिप्ट के इस पावन पुनीत निस्वार्थ सेवा को मैं मनीष पुरुषोत्तमजी जालान,वर्धा से आपका वंदन, अभिनंदन एवम नमन करता हु।
अमित जी जय जिनेन्द्र
हमारी संस्था द्वारा एक दिवसीय जिन यात्रा प्रवास पर जा रहे है । उसके लिये संस्था सदस्यों को आमंत्रण देना है उसके लिये शायरी चाहिए ।
किरण एल जैन
शब्दों का बहुमूल्य उपहार…. बहुत ही बढ़िया
इंदौर से