June 2, 2017
तड़पते दिल की दो मोहक ग़ज़लें । रोमांटिक ग़ज़ल । इश्क़ मोहब्बत में तड़प की ग़ज़लें । Love Gazal
ग़ज़ल-बदमाश
मेरा हाल क्या है न पूछिये
ये न ख़ास था ये न ख़ास है
दिल कल भी था यूँ ग़मज़दा
और आज भी ये उदास है।
यूँ तमाशा होता है रात दिन
मेरी हसरतों का न पूछिये
गोया रहनुमा हो बहार का
जिसे खुश्बुओं की तलाश है।
ये नज़ारे चाँद धनुक घटा
तेरा नूर लूट के मुस्तक़िल
मैं जो हो गया बदमाश क्या
ये ज़हान ही बदमाश है।