गांधी जयंती स्पीच – महात्मा गांधी पर भाषण, महात्मा गांधी जयंती पर भाषण

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भारत आकर उन्होंने सर्वप्रथम देश में कोढ़ की तरह फैली अश्पृश्यता के विरुद्ध आवाज़ उठानी शुरू की। निर्धनों पर अंग्रेजी शासन द्वारा लादे अनधिकृत कर के बोझ और उनके अधिकारों के लिये उन्होंने फिरंगियों का विरोध करना आरंभ कर दिया। उनके द्वारा किये गये नमक आंदोलन, असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन आदि उनके ऐसे ऐतिहासिक आंदोलन थे जिस के समर्थन में भारत का पूरा जनसमूह सड़कों पर उतर आया और अंतोगत्वा अगस्त 1947 में 200 बर्षों तक गुलाम रखने वाले अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा।

ऐसे परम संत, स्वतंत्रता के शीर्ष महान महानायक को चार पंक्तियों के माध्यम से नमन करता हूँ कि…

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सत्य अहिंसा प्रेम की ताकत, दुनिया भर ने जानी
दिल में है तस्वीर आपकी, आँखों में है पानी
हे महात्मा राष्ट्रपिता गाँधी जी, नमन है तुमको
हैं अनंत उपकार आपके, ऋणी हैं हिंदुस्तानी।

ऐसे अमर बलिदानी के लिए आँखों में नमीं, मन में कृतज्ञता और ह्रदय में अश्रुपूरित आदर भाव भरकर ज़ोरदार करतल ध्वनि बजा दीजिये। धन्यवाद

मित्रों, आज यदि हम स्वतंत्र भारत में आनंदित होकर, सर उठाकर जी रहे हैं तो इसका पूर्ण श्रेय महात्मा गाँधी जी और उनके सभी सहयोगी देशभक्तों को जाता है। उनका स्वप्न भारत में छुआछूत को हटाना, स्वालंबन, पूर्ण स्वायत्तता, समानता का अधिकार थे जो आज लगभग पूरे हुये। किन्तु देश में राजनीतिक अशुचिता, भ्रष्टाचार और स्वच्छता का अभाव ऐसी कुछ ज्वलंत समस्याएं हैं जो कि गाँधी जी की आत्मा को आज भी कचोटती होंगीं। हमारा कर्तव्य है कि हम उनके सपनों को पूरा कर, उनके सपनों का भारत बनायें और राम राज्य की स्थापना करें।

मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के एक कथन के साथ अपनी बात समाप्त करना चाहता हूँ जो वर्तमान में हमारे जीवन को एक क्रांतिकारी दिशा दे सकती है कि..

जियो तो ऐसे जैसे कि तुम कल मरने वाले हो. सीखो तो ऐसे की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो
महात्मा गांधी

जय हिन्द – जय भारत।

इस आर्टीकल गांधी जयंती स्पीच के बारे में आपके विचार आमंत्रित हैं।

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